Nutrition Month 2020: किशोरावस्था में शरीर को पौष्टिक तत्वों की ज्यादा जरूरत, इन बातों का रखें ध्यान
Nutrition Month 2020 एक साथ न करें कैल्शियम-आयरन का सेवन। किशोरावस्था में लड़कियों के पौष्टिक तत्वों और ऊर्जा के ध्यान देने की जरूरत।
लखनऊ, जेएनएन। Nutrition Month 2020: किशोरावस्था विकास का वह दौर होता है जब लड़के और लड़कियों के वजन, लंबाई और हड्डियों में तेजी से वृद्धि होती है। जब एक लड़की बचपन से इस अवस्था की ओर बढ़ती है तो उसके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जो उसके शरीर के साथ भावनाओं को भी प्रभावित करते हैं। यह अवस्था उसके लिए बहुत संवेदनशील होती है। ऐसे में, किशोरावस्था के दौरान शरीर को पौष्टिक तत्वों के साथ ऊर्जा की भरपूर जरूरत होती है। यह कहना है, क्वीन मेरी अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसपी जैसवार का।
मंगलवार को पोषण माह के दौरान उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में विशेष रूप से लड़कियों में आयरन की कमी, कुपोषण, कम उम्र में विवाह व गर्भधारण, कृमि संक्रमण, मासिक धर्म, यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन (आरटीआइ), सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआइ), गैर संचारी रोग, मानसिक स्वास्थ्य व चोटें आदि समस्याएं होती हैं। किशोरावस्था में शारीरिक बढ़त तेजी से होती है और शरीर में परिवर्तन भी होते हैं। ऐसे में, किशोरियों को ज्यादा पौष्टिक तत्वों और ऊर्जा की जरूरत होती है।
डॉ. जैसवार के अनुसार किशोरावस्था में पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता अधिक होती है क्योंकि इस दौरान संतुलित पोषक आहार का सेवन शरीर को आने वाले समय में हड्डियों की कमजोरी, मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह (डायबिटीज) जैसे गंभीर रोग होने से बचाता है।
किशोरियों को खास ख्याल रखने की जरूरत
डॉ. जैसवार ने बताया कि किशोरियों को प्रोटीन, आयरन, फाइबर, कैल्शियमयुक्त खाद्य पदार्थ और पानी का उचित मात्रा में सेवन करना चाहिए। प्रोटीन मांसपेशियों को बनाने और ऊतकों की मरम्मत का काम करता है। दालों, अंकुरित चने, अंडे, पनीर, दूध और दूध से बने पदार्थों में प्रोटीन मिलता है। वहीं, कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है। दूध और दूध से बने पदार्थ, पनीर, दही, ब्रोकली से कैल्शियम मिलता है। आयरन की कमी से एनीमिया होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों, चिकन, मछली, गुड़, चुकंदर, गाजर आदि आयरन के अच्छे स्रोत हैं। आयरन का सेवन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि इसका सेवन विटामिन-सी खाद्य पदार्थ जैसे नींबू पानी, संतरे या आंवले के साथ करना चाहिए। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में मिलने वाली आयरन की नीली गोलियों का साप्ताहिक सेवन करना चाहिए। विटामिन-सी आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है। कैल्शियम और आयरन का सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए।
डॉ. जैसवार कहती हैं, किशोरावस्था के दौरान लड़कियों को अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता होती है ताकि माहवारी के दौरान होने वाली खून की कमी की पूर्ति की जा सके। आयरन की कमी होने का एक कारण पेट में कीड़े भी होना है, इसलिए इसे रोकने के लिए अल्बेंडाजोल की गोली हर छह माह पर खानी चाहिए। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। सही पोषण से ही शरीर स्वस्थ रहता है, शारीरिक परिपक्वता लाने में मदद करता है, इससे ताकत मिलती है। रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, उचित शारीरिक और मानसिक विकास होता है जबकि जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, चाउमीन व समोसा आदि का सेवन करते हैं यह स्वादिष्ट तो होते हैं लेकिन पौष्टिकता के नाम पर इनमें कुछ भी नहीं होता है। इन खाद्य पदार्थों में चीनी, नमक और खट्टे स्वाद की मात्रा ज्यादा होती है जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
वह बताती हैं, राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार (2014-16) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 15 से 19 वर्ष के 53.9 फीसद किशोरियां व 29.2 फीसद किशोर खून की कमी से ग्रसित हैं।