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होटल की तर्ज पर अब ठेले-खोमचों की भी होगी ग्रेडिंग, स्ट्रीट फूड का बढ़ेगा स्टैंडर्ड

होटल की तर्ज पर होगी उत्तर प्रदेश में स्ट्रीट फूड की ग्रेडिंग यूपी समेत दस राज्य शुरू करेंगे पायलट प्रोजेक्ट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 07:50 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 07:50 AM (IST)
होटल की तर्ज पर अब ठेले-खोमचों की भी होगी ग्रेडिंग, स्ट्रीट फूड का बढ़ेगा स्टैंडर्ड
होटल की तर्ज पर अब ठेले-खोमचों की भी होगी ग्रेडिंग, स्ट्रीट फूड का बढ़ेगा स्टैंडर्ड

लखनऊ, जेएनएन। ठेलों पर बिक रहे भोज्य पदार्थों का भी स्टैंडर्ड होगा। वेंडरों को पौष्टिक, स्वादिष्ट और स्वच्छ आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। यह न सिर्फ जनस्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा, बल्कि इससे वेंडरों की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। इसके लिए होटलों की तर्ज पर उन्हें ग्रेडिंग मिलेगी। यह प्रोजेक्ट यूपी समेत दस राज्यों में शुरू होगा।

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वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने राजधानी में 'सेफ्टी ऑफ स्ट्रीट फूड्सÓ पर मंथन किया। पिकेडली होटल में दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन मेयर संयुक्ता भाटिया ने किया। इसमें नार्दन जोन के दस राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ऐसे में नीति आयोग के सदस्य विनोद पॉल ने संदेश भेजकर 'फोर-एस प्रोग्रामÓ की घोषणा की। इसका मतलब स्वच्छ, स्वस्थ, स्वादिष्ट, स्ट्रीट फूड बताया। 

सैंपल संग्रह के बजाय, सुधार पर जोर 

डब्ल्यूएचओ की नेशनल को-ऑर्डिनेटर इंदिरा चक्रवर्ती के मुताबिक शहरों में बड़ी संख्या में लोग ठेलों पर खाना खाते हैं। वहीं, शुद्ध व पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए छापेमारी, सैंपल संग्रह, लैब जांच में काफी वक्त लगता है। साथ ही फूड सिक्योरिटी ऑफीसर्स की कमी से लाखों वेंडरों की सैंपलिंग संभव भी नहीं है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ, नगर निगम, एफएसडीए, एफसीएसडी समेत अन्य विभाग व संस्थाओं की टीम बनेगी। यह टीम ठेलों पर जाकर वेंडर को स्टैंडर्ड पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी। इस दौरान गुरुग्राम की असिस्टेंट कमिश्नर अपराजिता व उत्तराखंड से आए ज्वाइंट कमिश्नर एफएसडीए डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने अपने-अपने राज्य में स्वादिष्ट व पौष्टिक स्ट्रीट फूड उपलब्ध कराने का दावा किया। 

-इन राज्यों में शुरू होगा पायलेट प्रोजेक्ट 

डॉ. इंदिरा चक्रवर्ती के मुताबिक फिलहाल दस राज्यों में सेफ्टी फूड का पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। इसमें यूपी के लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर, गोरखपुर शामिल किया गया। इन पांच शहरों के 700 वेंडर चयनित किए जाएंगे। दिल्ली के 11 शहर 50 वेंडर, छत्तीसगढ़ के पांच शहर पांच हजार वेंडर, मध्य प्रदेश के तीन शहर 400 वेंडर, उत्तराखंड के पांच शहर 500 वेंडर, पंजाब के छह शहर 600 वेंडर, हिमाचल के चार शहर 800 वेंडर, हरियाणा के 22 शहर 200 वेंडर, जम्मू और कश्मीर के दो शहर 300 वेंडर चयनित किए जाएंगे। इसके अलावा गुरुग्राम में 400 वेंडर अलग से चयनित होंगे।

दस मानकों पर होगा ध्यान

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने इसके लिए दस इंडिकेटर व 42 सब इंडिकेटर बनाए हैं। इसके आधार पर रेटिंग की जाएगी। फिर एक्सीलेंट वेंडर को फाइव स्टार, वेरी गुड की श्रेणी को फोर स्टार और गुड की श्रेणी में थ्री स्टार की ग्रेडिंग मिलेगी। वहीं, मानक का पालन न करने वाले को स्टार की ग्रेडिंग नहीं मिलेगी।


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