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Good News: किसानों की मुश्किलें आसान करेगा UPNEDA, सोलर पंप पर अब इतना अनुदान

किसान अब खेत में डीजल इंजन और बिजली के बगैर निर्बाध रूप से सिंचाई कर सकेंगे। सोलर पंप की खरीद पर अनुदान बढ़ा दिया गया है। पंजीकृत किसानों को ही इस अनुदान का लाभ उठा सकेंगे।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:06 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 08:30 AM (IST)
Good News: किसानों की मुश्किलें आसान करेगा UPNEDA, सोलर पंप पर अब इतना अनुदान
Good News: किसानों की मुश्किलें आसान करेगा UPNEDA, सोलर पंप पर अब इतना अनुदान

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। आप यदि किसान हैं और आपने सिंचाई के लिए खेत में बोरिंग करा रखी है। इंजन या बिजली की मोटर लगाने की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए लाभकारी हो सकती है। डीजल इंजन और बिजली के बगैर निर्बाध रूप से सिंचाई का साधन आपको आसानी से मिल सकता है। नेडा ऐसे किसानों को सौर ऊर्जा से संचालित सोलर पंप पर 40 से 70 फीसद तक का अनुदान दे रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले सोलर पंप में किसानों के अंशदान में 50 फीसद तक की कमी आई है।  

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दो एचपी डीसी व एसी सर्फेस पंप की बाजार में कीमत 1,24420 रुपये है, जबकि किसानों को मात्र 37,326 रुपये ही भुगतान करना है। तीन एचपी डीसी व एसी सबमर्सिबल की बाजार में कीमत 1,88,600 रुपये है, लेकिन किसान 56,580 रुपये भुगतान करके इसे अपने खेत में लगवा सकते हैं। पांच एचपी एसी सबमर्सिबल बाजार में 2,43590 रुपये का है और किसानों को इसके लिए मात्र 1,46154 रुपये का भुगतान करना है। किसानों के अंशदान की नई दरें लागू हो गई हैं। 

ऐसे करें आवेदन 

ऐसे किसान जो सोलर पंप या सबमर्सिबल लेना चाहते हैं वे नजदीकी सहकारी बीज विक्रय केंद्र या जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के माध्यम से अपना पंजीयन करा सकते हैं। उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि पंजीयन के उपरांत किसानों को सोलर पंप के लिए प्रार्थना पत्र देना होगा। बोङ्क्षरग होने का प्रमाण पत्र, खतौनी, परिचय पत्र और किसान अंशदान का ड्राफ्ट भी लगाना होगा। किसान यूपीएग्रीकल्चर डॉट कॉम या फिर टोल फ्री नंबर 18002001050 पर फोन करके निश्शुल्क पंजीयन करा सकते हैं। 

क्या कहते हैं अधिकारी ?

यूपीनेडा परियोजना अधिकारी लालजी निगम का कहना है कि फसल की सिंचाई करने में किसानों को सबसे ज्यादा बिजली का बिल देना पड़ता है। किसान सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर इस खर्च को कम कर सकते हैं। अधिक से अधिक किसानों को इसका फायदा देने के लिए अंशदान में कमी की गई है। पंप की कुल कीमत का 40 से 70 फीसद तक का अनुदान किसानों को दिया जा रहा है।


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