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अब यूपी में कम खर्च में ज्यादा वैध करा सकेंगे अनधिकृत निर्माण, इस बार व्यावहारिक होगी शमन योजना

योगी सरकार पहली बार ऐसी शमन योजना को लागू करने जा रही है जिसके तहत पहले की तुलना में कम खर्चे में ही कहीं ज्यादा अवैध निर्माण को शमन कराया जा सकेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 02:14 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 02:17 PM (IST)
अब यूपी में कम खर्च में ज्यादा वैध करा सकेंगे अनधिकृत निर्माण, इस बार व्यावहारिक होगी शमन योजना
अब यूपी में कम खर्च में ज्यादा वैध करा सकेंगे अनधिकृत निर्माण, इस बार व्यावहारिक होगी शमन योजना

लखनऊ [अजय जायसवाल]। अगर आपने अपने सपने के आशियाने को बनवाने में स्वीकृत मानचित्र का ध्यान न रखते हुए थोड़ा-बहुत अवैध निर्माण करा लिया है तो अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। योगी सरकार पहली बार ऐसी शमन योजना को लागू करने जा रही है जिसके तहत पहले की तुलना में कम खर्चे में ही कहीं ज्यादा अवैध निर्माण को शमन कराया जा सकेगा। योजना के दौरान विकास प्राधिकरण या आवास विकास परिषद अनधिकृत निर्माण को तोड़ नहीं सकेंगे, लेकिन तय अवधि में शमन न कराने पर अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जाएगी। 

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प्राधिकरणों व परिषद प्रशासन के ढुलमुल रवैये से सूबे में अवैध निर्माण बढ़ते ही रहे हैं। इन्हें रोकने-तोड़ने की अब तक न प्रभावी कार्रवाई हुई और न ही जिम्मेदार अधिकारियों-अभियंताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए। स्थिति यह है कि ध्वस्तीकरण के आदेश के बावजूद अवैध निर्माण बने हुए हैं। सरकार का मानना है कि व्यावहारिक दिक्कतों के चलते बड़ी संख्या में अवैध निर्माणों को अब न तोड़ना संभव है और न ही मौजूदा नियम-कानून के तहत उन्हें वैध किया जा सकता है।

ऐसे में आवास विभाग का भी दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहली बार ऐसी शमन योजना बनाई गई है जिसके तहत अवैध निर्माण के काफी कुछ हिस्से को न्यूनतम शमन शुल्क देकर वैध कराया जा सकेगा। वैसे तो योजना को व्यावहारिक बनाने के लिए काफी कुछ छूट प्रस्तावित है, लेकिन मुख्यमंत्री के कहने पर योजना लागू करने से पहले जनता की भी राय ली जाएगी। विभागीय प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने बताया कि जल्द ही प्रस्तावित योजना को सार्वजनिक कर उस पर सुझाव मांगे जाएंगे। कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि योजना का लाभ न उठाने वालों के अवैध निर्माणों को अभियान चलाकर ध्वस्त किया जाएगा।

1998, 2002 व 2010 से भी व्यावहारिक होगी योजना

पहले-पहल 1998 में अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार ने स्वैच्छिक शमन योजना लागू की थी। उसके बाद 2002 में सरल शमन और फिर 2010 में शमन उपविधियां लागू की गईं, लेकिन ज्यादा शुल्क होने से योजना का लाभ उठाने वाले कम ही रहे। मसलन, पहले जहां सेट-बैक के 25 फीसद तक के अवैध निर्माण ही शमनीय थे वहीं अब हर एक सेट बैक का 50 फीसद अवैध निर्माण वैध हो सकेगा बशर्ते वह भूखंड के कुल क्षेत्रफल का 15 फीसद से ज्यादा न हो। एफएआर के उल्लघंन व बेसमेंट में किया गया निर्माण (पड़ोसी की अनापत्ति पर), अवैध सब-डिवीजन व भूखंड आमेलन, ऊंचाई के मामले को भी अब शमन शुल्क देकर वैध कराया जा सकेगा। गौर करने की बात यह है कि पार्किंग क्षेत्र का अवैध निर्माण भी अब शमनीय होगा, बशर्ते उससे 100 मीटर के दायरे में वैकल्पिक पार्किंग व्यवस्था हो। हालांकि, भू-उपयोग के विपरीत निर्माण शमनीय नहीं होगा। भूकंपरोधी व अग्निशमन व्यवस्था होने पर बड़े व ऊंचे भवन भी सशर्त शमनीय होंगे। अशमनीय भाग खुद न तोड़ने पर प्राधिकरण उसे ध्वस्त करने का खर्च भी वसूलेगा।

सौ फीसद से अधिक घटेगा शमन शुल्क

ज्यादा से ज्यादा अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए लोग आगे आएं इसके लिए मौजूदा शमन शुल्क में 100 फीसद से भी अधिक की कटौती प्रस्तावित है। मसलन, अभी फ्रंट सेट बैक के अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए भूमि मूल्य का 100 फीसद शमन शुल्क देना होता है जो 50 फीसद प्रस्तावित है। 300 वर्गमीटर तक के एकल आवासीय भवनों के मामले में शमन शुल्क, वर्तमान सर्किल रेट का 25 फीसद तक ही प्रस्तावित है। व्यावसायिक व बहुमंजिले निर्माण में 200 के स्थान पर अब 100 फीसद ही शुल्क देना होगा।

एक रुपये प्रतिवर्ग मीटर लगेगी प्रोसेसिंग फीस

योजना के तहत स्व-मूल्यांकित शमन शुल्क के साथ तय प्रपत्र पर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। भवन की फोटो सहित मानचित्र को प्रमाणित करने का दायित्व वास्तुविद का होगा। कुल शुल्क के साथ जमा शमन मानचित्र ही डीम्ड एप्रूव्ड माना जाएगा। शुल्क को किस्तों में भी जमा किया जा सकेगा। आवासीय भवन होने पर जहां एक रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा वहीं व्यावसायिक में दो रुपये लगेगा।

अवैध निर्माणों का लेखा-जोखा

  • कुल चिह्नित अवैध निर्माण : 340681
  • ध्वस्तीकरण के आदेश पारित : 152175
  • अवैध निर्माणों पर लंबित कार्रवाई : 188506  

प्रस्तावित योजना की खास बातें 

  • 20 फीसद तक के अवैध निर्माण का करा सकेंगे शमन 
  • 300 वर्गमीटर तक भवनों के साइड व पीछे के सेट-बैैक के निर्माण भी होंगे शमनीय 
  • फ्रंट सेट-बैक का 50 फीसद तक का अवैध निर्माण हो सकेगा वैध
  • मौजूदा सर्किल रेट का 25 फीसद तक होगी शमन शुल्क की दर
  • 100 वर्गमीटर तक वाले भूखंड के शुल्क में 25 फीसद की और मिलेगी छूट 
  • मौजूदा शमन शुल्क में सौ फीसद से अधिक की कटौती है प्रस्तावित 
  • ऑनलाइन किया जा सकेगा आवेदन व शुल्क का भुगतान

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