मृत्युदंड से नहीं थमा जहरीली शराब का कारोबार, अब इन धाराओं से डराएगी UP सरकार
मृत्युदंड के खौफ से जहरीली शराब का कारोबार नहीं थमा लेकिन अब सरकार उन्हें रासुका और गैंगस्टर की कार्रवाई से डराने चली है।
लखनऊ, जेएनएन। मृत्युदंड के खौफ से जहरीली शराब का कारोबार नहीं थमा, लेकिन अब सरकार उन्हें रासुका और गैंगस्टर की कार्रवाई से डराने चली है। प्रमुख सचिव आबकारी ने प्रदेश भर के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और आबकारी आयुक्त को इन धाराओं में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और आबकारी आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि शराब से हुई जनहानि के मामलों में संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910 (यथा संशोधित) की धारा-60(क) के अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता की धारा-272, 273, 304 और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब के सेवन से होने वाली जनहानि, अपंगता और गंभीर शारीरिक क्षति के प्रकरणों में प्रभावी रूप से मुकदमे दर्ज किए जाएं। यदि दोषियों द्वारा अवैध शराब बनाने या तस्करी के कार्य की पुनरावृत्ति की जाती है तो उनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत मुकदमे दर्ज करने पर भी विचार करें। अगर किसी जिले में विशेष न्यायालय का गठन नहीं हुआ है तो तत्काल अगली समन्वय समिति के माध्यम से ऐसा करना सुनिश्चित करें।
प्रमुख सचिव ने कहा कि पिछले वर्षों में प्रदेश के कई जिलों में अवैध रूप से निर्मित जहरीली शराब के सेवन से जनहानि की अनेक घटनाएं हुईं। कुछ प्रकरणों में उपभोक्ताओं द्वारा सरकारी दुकानों से जहरीली शराब खरीदे जाने के मामले सामने आए। यह स्थिति वास्तव में अत्यंत दु:खद एवं खेदजनक है।
आजीवन कारावास और मृत्युदंड का है प्रावधान
जहरीली शराब के सेवन से होने वाली जनहानि, अपंगता और गंभीर शारीरिक क्षति के प्रकरणों में आरोप सिद्ध पाए जाने की दशा में अजीवन कारावास अथवा मृत्युदंड तक के प्राविधान संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910 (यथा संशोधित) की धारा-60 (क) में हैं। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा-272 एवं 273 में अपायकर खाद्य या पेय पदार्थों के अपमिश्रण के लिए दोषियों को दंडित किए जाने, साथ ही धारा-304 में हत्या की कोटि में न आने वाले आपराधिक मानव वध के लिए भी दंड का प्राविधान है। इसके बावजूद जहरीली शराब के कारोबार पर रोक नहीं लगी और सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं।