अब वृद्धों की सेवा में सरकार का सरोकार, 21 राज्यों में खोले जाएंगे एनपीएचसीई केंद्र
सभी जिला अस्पतालों में केयर सेंटर बनाने के दिए निर्देश लखनऊ के बलरामपुर जिला अस्पताल में व्यवस्था लागू।
लखनऊ [धर्मेन्द्र मिश्र]। अब 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके बुजुर्गो को बुढ़ापे की लाठी यानी सेवक ढूंढ़ने के लिए चिंतित नहीं होना पड़ेगा। अब ऐसे सभी जरूरतमंद बुजुर्गो की सेवा सरकार करेगी। नेशनल प्रोग्राम फॉर हेल्थ केयर ऑफ एल्डरली (एनपीएचसीई) के तहत केंद्र ने बुजुर्गो को केयर तोहफा दिया है। आरंभ में 21 राज्यों के 100 जिला अस्पतालों में 10 बेड वाले विशेष एनपीएचसीई केंद्र खोले जा रहे हैं। बाद में सभी जिलों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में इस केंद्र का आगाज हो चुका है।
केयर सेंटर की जरूरत क्यों :
अक्सर देश भर से बुजुर्गो के अनादर, बुढ़ापे में उन्हें घर से बाहर निकाल देने व भोजन-पानी के लिए तंग करने, इलाज न कराने जैसी खबरें आती रहती हैं। वहीं, कुछ बुजुर्ग ऐसे होते हैं, जिनके आगे-पीछे कोई नहीं होता। इस उम्र के पड़ाव में पहुंचने से पहले ही लोगों को कम से कम एक सेवक होने की चिंता सताने लगती है। बुजुर्गो की इसी चिंता को दूर करने को केंद्र ने यह फैसला लिया है। एल्डरली केयर सेंटर पर क्या होगा:
इस केंद्र में भर्ती होने के लिए बीमार होना नहीं, बल्कि उम्र 60 साल होना जरूरी है। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने बताया कि जो भी बुजुर्ग खुद को असहाय महसूस करते हों या जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। वह अपने प्रमाण पत्र के साथ जाकर केंद्र में भर्ती हो सकते हैं। उन्हें न्यूनतम 15 दिन तक भर्ती कर उनकी संपूर्ण सेवा की जाएगी। इस दौरान नियमित जाच, इलाज, जरूरत के अनुसार पौष्टिक ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर दिया जाएगा। इसके अलावा नहलाने-धुलाने से लेकर उनके बिस्तर बदलने व मानसिक तनाव दूर करने के लिए योग-ध्यान व टहलाने की व्यवस्था भी रहेगी।
एक केंद्र के लिए करीब 40 लाख का बजट :
आध्र, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, जे एंड के, झारखंड, कर्नाटक, केरल, एमपी, महाराष्ट्र, सिक्किम, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, तमिलनाडु, यूपी व पश्चिम बंगाल में आरंभ में खोले जाने वाले 100 केंद्रों के लिए करीब 40-40 लाख रुपये प्रति केंद्र के हिसाब से बजट रखा गया है।
इन जिलों में केयर सेंटर:
लखनऊ(बलरामपुर), रायबरेली, सुल्तानपुर, झासी, लखीमपुर खीरी, फरुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, ललितपुर और जालौन। क्या कहते हैं चिकित्सा अधिकारी?
- लखनऊ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि यह केंद्र की बेहतरीन योजना है। अब बुजुर्गो को सेवा लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। लखनऊ में बलरामपुर पहला केंद्र है, जहा बुजुर्ग यह सुविधा अब ले सकते हैं।