अब स्कूल में ही मिलेगा बच्चों को सड़क सुरक्षा का ज्ञान, फिर हाथों में होगी वाहन की कमान
परिवहन विभाग ने बाकायदा एक सिलेबस तैयार कर माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजा था। अपर परिवहन आयुक्त एके पाडेय के मुताबिक इस पर मंजूरी हो गई है।शिक्षा महकमे ने इसकी पुष्टि की है।
लखनऊ [नीरज मिश्र]। कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थी इस बार पाठ्यक्रम में यातायात नियमों के बारे में भी पढ़ेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है। सिर्फ यातायात नियम ही नहीं प्राथमिक उपचार के बारे में भी किताबी ज्ञान बच्चों को पाठयक्रम से हासिल होगा। दरअसल दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग ने माध्यमिक शिक्षा परिषद से यातायात नियमों को पाठयक्रम में शामिल करने की गुजारिश की थी।
मंशा थी कि पढ़ाई के दौरान ही बच्चे यातायात नियमों की जानकारी समय से हासिल कर सकें। उनके हाथ में जब वाहन की कमान आए तो वे एक सजग प्रहरी की तरह यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करें और लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें। इसे लेकर परिवहन विभाग ने बाकायदा एक सिलेबस तैयार कर माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजा था। अपर परिवहन आयुक्त एके पाडेय के मुताबिक इस पर मंजूरी हो गई है।शिक्षा महकमे ने इसकी पुष्टि की है।
सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियम व सावधानीः इसमें वाहन चलाते समय गति सीमा का ध्यान, लेन में गाड़ी रखना, यातायात संकेतकों का पालन, वाहन को मोड़ते समय हार्न बजाएं और उपयुक्त संकेत देने, यातायात संकेतकों का ध्यान रखना, गाड़ी चलाते वक्त हेलमेट का प्रयोग करने, कार चलाते समय सीट बेल्ट अवश्य लगाए जाने, शराब पीकर वाहन न चलाने और मोबाइल से बात करते हुए गाड़ी का संचालन नहीं करने जैसे तमाम सुझाव दिए गए हैं।
करीब डेढ़ दर्जन जानकारियों को बिंदुवार पाठयक्रम में रखा गया है। ड्राइविंग के मुख्य तथ्य, अभिभावकों के कर्त्तव्य, यातायात संकेतकों की जानकारी एवं अर्थ, सड़क यातायात चिह्न् के बारे में विस्तार से बताया गया है। यही नहीं ट्रैफिक लाइट, लाल बत्ती, हरी बत्ती और जेब्रा लाइन पार करते वक्त बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में मय चित्र बताया गया है।
प्राथमिक शिक्षा
कक्षा नौ से लेकर तक में इसमें प्राथमिक चिकित्सा, सामान्य घरेलू उपाय, उपचार, नैतिक खेल एवं शारीरिक शिक्षा, गृह विज्ञान आदि से जुड़ी जानकारिया रखी गई हैं।
पाठ्यक्रम में होंगे यह विषय
कक्षा-9ः 'द रूल्स ऑफ द रोड' अंग्रेजी और हिंदी में 'सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियम' के रूप में शामिल किया गया है। इसमें एक स्टोरी के माध्यम से सड़क पर चलने के नियमों की जानकारी देते हुए सचेत किया गया है। कैसे रोड पर चलें और क्या सावधानियां बरतें।
कक्षा-10ः इसमें विद्यार्थियों को प्रारंभिक हिंदी, में यातायात के नियम, संस्कृत में यातायात नियमा: निबंध के रूप में होगा। सामाजिक विज्ञान में सड़क सुरक्षा एवं यातायात, नैतिक खेल एवं शारीरिक शिक्षा और ट्रेड ऑटोमोबाइल में इंजन की विभिन्न कंट्रोल प्रणालिया, ट्रैफिक रूल्स एवं सुरक्षा के उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। वहीं अंग्रेजी में रोड टू सेफ्टी, सड़क यातायात एवं सावधानियां शामिल किया गया है।
कक्षा-11ः अंग्रेजी में ट्रैफिक रूल्स निबंध के रूप में शामिल किया गया है। वहीं ट्रेड-ऑटोमोबाइल के तृतीय प्रश्नपत्र के लिए ट्रैफिक रूल्स एवं सुरक्षा के उपाय के बारे में बताया गया है।
क्या कहना है परिवहन आयुक्त काः परिवहन आयुक्त पी. गुरुप्रसाद का कहना है कि पाठ्यक्रम में यातायात नियमों को शामिल कर लिया गया है। इसका फायदा यह होगा कि शुरुआत से ही स्टूडेंट यातायात नियमों को भली-भाति जान जाएंगे। बाकायदा इसकी लिखित परीक्षा होगी। इससे बच्चे सड़क सुरक्षा को लेकर पहले से ही जागरूक हो जाएंगे। जब उनके हाथ में वाहन आयेगा तो वे नियमों के प्रति गंभीर होंगे।