Lucknow: अब रिटायर्ड जज संभालेंगे लखनऊ गोल्फ क्लब की जिम्मेदारी, हाई कोर्ट ने बनाई कमेटी
Lucknow High Court कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ आइएएस मुकुल सिंघल के कहने पर स्टेट मशीनरी का दुरूपयोग किया गया। कोर्ट ने आगे कहा कि जिलाधिकारी लखनऊ ने किन हालातों में एडीएम सिटी पूर्वी को दो आब्जर्वर नियुक्त करने के लिए निर्देश दिया यह आश्चर्यजनक है।
Lucknow High Court: लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ गोल्फ क्लब में विवाद के चलते वहां अपनी अंतरिम कमेटी बिठा दी है। कोर्ट ने इस कमेटी में दो सेवानिवृत्त जजों को रखा है। इस कमेटी को 18 अक्टूबर तक क्लब के मामलों को देखने को कहा है। इसमे रिटायर्ड जस्टिस व वर्तमान में लोकायुक्त संजय मिश्रा और रिटायर्ड जस्टिस राकेश कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं।
इसके साथ ही कोर्ट ने जिला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि क्लब के विवाद में आइएएस मुकुल सिंघल के कहने पर सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया गया। यह आदेश आदेश जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने गोल्फ क्लब की प्रबंध समिति के मानद सचिव संदीप दास की ओर से दाखिल रिट याचिका पर पारित किया। याची की ओर से कहा गया था कि 25 सितंबर को प्रशासन की ओर से एसडीएम सदर नवीन चंद्रा व अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) संतवीर सिंह क्लब की जनरल बाडी मीटिंग के दौरान वहां उपस्थित थे, जिससे स्पष्ट है कि इस मामले में शासन की शक्तियों का दुरूपयोग किया जा रहा है।
इस पर कोर्ट ने एसडीएम सदर और अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम के साथ-साथ एडीएम सिटी पूर्वी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में तलब कर लिया। कोर्ट के आदेश के अनुपालन में तीनों अधिकारी कुछ देर बाद कोर्ट में हाजिर हुए। एसडीएम और अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम का कहना था कि वे एडीएम सिटी पूर्वी के आदेश से वहां गए थे, वहीं एडीएम सिटी अमित कुमार ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने दोनों अधिकारियों को आब्जर्वर नियुक्त जरूर किया, लेकिन डेढ़ घंटे बाद ही उक्त आदेश को वापस ले लिया था।
एडीएम के इस जवाब के बाद दोनों अधिकारियों ने कहा कि वे वहां ट्रैफिक जाम लग जाने के कारण वहां गए थे। इस पर कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ आइएएस मुकुल सिंघल के कहने पर स्टेट मशीनरी का दुरूपयोग किया गया। कोर्ट ने आगे कहा कि जिलाधिकारी लखनऊ ने किन हालातों में एडीएम सिटी पूर्वी को दो आब्जर्वर नियुक्त करने के लिए निर्देश दिया, यह आश्चर्यजनक है। सुनवाई के दौरान मुकुल सिंघल और कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जावीद अहमद की ओर से याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाए गए।