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अब लोहिया अस्पताल-संस्थान का पंजीकरण 'एक', बार-बार फॉर्म भरने का झंझट खत्म

अस्पताल के पर्चे से संस्थान का बन जाएगा कार्ड इलाज का रिकॉर्ड भी होगा ऑनलाइन। संस्थान की तर्ज पर अस्पताल के मरीजों के इलाज का ब्योरा भी ऑनलाइन होगा। वह आरएमएलआइएमएस ऑनलाइन इन पर जाकर इलाज का ब्योरा अपलोड कर सकेंगे।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 07:44 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 07:44 AM (IST)
अब लोहिया अस्पताल-संस्थान का पंजीकरण 'एक', बार-बार फॉर्म भरने का झंझट खत्म
अस्पताल के पर्चे से संस्थान का बन जाएगा कार्ड, इलाज का रिकॉर्ड भी होगा ऑनलाइन।

 लखनऊ [संदीप पांडेय]। लोहिया अस्पताल-लोहिया संस्थान का पंजीकरण नंबर एक हो गया है। ऐसे में अस्पताल से संस्थान रेफर होने वाले मरीजों को डबल पंजीरण नंबर से छुटकारा मिल गया। मरीजों का पहले के पर्चे से ही दूसरा कार्ड बन जाएगा। लिहाजा, बार-बार फॉर्म भरने का झंझट खत्म हो गया है। शीघ्र ही इलाज का ब्योरा भी ऑनलाइन होगा।

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लोहिया अस्पताल का लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में विलय हो गया है। अस्पताल की ओपीडी का शुल्क एक रुपये है। वहीं संस्थान में ओपीडी पंजीकरण का 100 रुपये पड़ता है। यहां अस्पताल में दिखाने वाले कई मरीजों को रोज संस्थान के सुपरस्पेशियलिटी विभागों में रेफर किया जाता है। ऐसे में मरीजों को दोबारा पंजीकरण फॉर्म भरकर काउंटर पर जमा करना होता था। लिहाजा, दोबारा वहीं खानापूर्ति करने में मरीजों का काफी समय बर्बाद हो रहा था। साथ ही स्टाफ को भी एक ही मरीज का डबल पंजीकरण नंबर जनरेट करना पड़ रहा था। वहीं एक मरीज का डबल रिकॉर्ड डाटा सेंटर को स्टोर करना पड़ रहा था। मगर, अब अस्पताल में भी हॉस्पिटल इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचआइएस) लागू कर दिया गया है। ओपीडी से लेकर वार्ड तक नेटवर्किंग का काम चल रहा है। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश के मुताबिक अब अस्पताल में पंजीकरण नंबर पर ही संस्थान में 100 रुपये देकर मरीज कार्ड बनवा सकता है। साथ ही उसका संबंधित विभाग का टोकन नंबर भी उसी पंजीकरण पर जारी हो जाएगा।

ऑनलाइन अपलोड कर सकेंगे इलाज के बिल

संस्थान की तर्ज पर अस्पताल के मरीजों के इलाज का ब्योरा भी ऑनलाइन होगा। वह आरएमएलआइएमएस ऑनलाइन इन पर जाकर इलाज का ब्योरा अपलोड कर सकेंगे। अभी इस पर काम चल रहा है। मरीज पोर्टल पर बिल, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी आदि की रिपोर्ट आदि अपलोड कर सकेंगे। उन्हें रिंबर्समेंट के लिए आवश्यक कागजों के लिए अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वार्ड में कंप्यूटर लग गए हैं। इनको भी एचआइएस से जोड़ दिया गया है। शीघ्र ही मरीजों को भर्ती व डिस्चार्ज समरी के कागज भी ऑनलाइन होंगे। वहीं संस्थान की फार्मेसी में अस्पताल का पंजीकरण माहभर पहले की कनेक्ट किया जा चुका है।


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