रेलवे नेशनल मिशन एजुकेशन का हिस्सा, ई-एजुकेशन की राह खोलेगा
केंद्र सरकार ने रेलवे को नेशनल मिशन एजुकेशन का हिस्सा बनाया है। अब रेलवे, विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को ई-एजुकेशन के लिए हाईस्पीड ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराएगा।
लखनऊ (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने रेलवे को नेशनल मिशन एजुकेशन का हिस्सा बना लिया है। अब रेलवे, विश्वविद्यालयों व तकनीकी कॉलेजों को ई-एजुकेशन के लिए हाईस्पीड ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराएगा। यह सिस्टम दुनिया की सभी ई-लाइब्रेरी से जुड़ा होगा। ऑप्टिकल फाइबर केबिल (ओएफसी) पर कनेक्शन उपलब्ध कराने में बीएसएनएल भी रेल टेल की मदद करेगा।
सरकारी व गैर सरकारी विश्वविद्यालय, तकनीकी कॉलेज शहर से काफी दूर बनाए जा रहे हैं, जिनका काफी हिस्सा रेल लाइनों के नजदीक है। यहां हाईस्पीड ब्रॉडबैंड चलाने के लिए बीएसएनएल का नेटवर्क या ओएफसी नहीं है। रेलवे प्रशासन ट्रेनों के संचालन व संचार सेवा के लिए देशभर में रेल लाइन के किनारे ऑप्टिकल फाइबर केबिल (ओएफसी) डालने का काम पूरा कर चुका है। अब सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों व तकनीकी कॉलेजों को ई-एजुकेशन के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबिल के माध्यम से हाईस्पीड ब्रॉडबैंड का कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है, जिसकी गति 50 एमबी प्रति सेकेंड से अधिक होगी। इसके बाद विश्वविद्यालय व कॉलेज प्रशासन एक साथ 50 से अधिक कंप्यूटर पर हाईस्पीड में ब्रॉडबैंड चला सकेंगे। रेल लाइन के किनारे बने विश्वविद्यालयों व तकनीकी कॉलेजों को रेल टेल द्वारा और शेष क्षेत्रों में बीएसएनएल के माध्यम से कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। सिस्टम को ई-एजुकेशन के लिए दुनिया भर की ई-लाइब्रेरी से जोड़ा गया है। एक कनेक्शन उपलब्ध कराने में 20 लाख रुपये खर्च होंगे, जिसमें 15 लाख रुपये केंद्र सरकार व पांच लाख रुपये विश्वविद्यालय व तकनीकी कॉलेज प्रशासन को देना है। दस साल तक ब्रॉडबैंड का किराया व अन्य प्रकार के शुल्क नहीं लिए जाएगे। रेलटेल को कनेक्शन उपलब्ध कराने में आने वाली कठिनाई को दूर करने में बीएसएनएल सहयोग करेगा। बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक रामशब्द यादव ने बताया कि नेशनल मिशन एजुकेशन के तहत रेल टेल को जोड़ा गया है। रेल लाइन के किनारे बने विवि व तकनीकी कॉलेजों को ओएफसी पर हाईस्पीड ब्रॉडबैंड का कनेक्शन रेल टेल को उपलब्ध कराना है।
-प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद