अब रेरा में दर्ज होंगी गोमती नगर विस्तार योजना की परेशानियां
पीएम मोदी को की गई शिकायत के बाद पीएमओ से सीएम कार्यालय को कार्यवाही का निर्देश। आवास विभाग के अधिकारियों को शिकायत रेरा वेबसाइट पर दर्ज करने का सीएम कार्यालय से आदेश।
लखनऊ(जेएनएन)। अब आवंटी अपनी शिकायत एलडीए के साथ ही रेरा में भी कर सकेंगे। इसके तहत गोमती नगर विस्तार में पांच हजार आवंटियों के लिए अपनी बात रखने के लिए रेरा का मंच भी होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आदेश दिया गया है कि विस्तार की योजनाओं को रेरा के तहत पंजीकृत किया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई थी। जिसके बाद सीएम कार्यालय से सभी योजनाओं को रेरा वेबसाइट पर दर्ज करने के आदेश आवास विभाग को दिये गये हैं।
गोमती नगर विस्तार महासंघ ने इसे रेरा में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इस मामले में प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से कार्यवाही की अपेक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव,आवास एवं शहरी नियोजन को पत्र लिखकर अपनी आख्या में कहा है कि प्रकरण रेरा से संबंधित इसलिए प्रकरण को रेरा साइट पर दर्ज कराए मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक शिकायत अनुभाग -1 मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा यथाशीघ्र कार्यवाही किए जाने की अपेक्षा की गई है।
शिकायत पत्र में कही से बातें
महासंघ के सचिव उमाशंकर दुबे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार ने जब रेरा कानून बनाया तो गोमती नगर विस्तार के लोगों में एक उम्मीद जगी। अभी पिछले दिनों प्रदेश में रेरा का गठन भी कर दिया गया।
समस्याओं से पीडि़त सभी अपार्टमेंट ने एक महासंघ की स्थापना की और एक प्लेटफार्म पर आकर सबकी कॉमन समस्याओं को उठाने का काम किया जा रहा है। आज तक बिल्डिंग कम्प्लीट नहीं है। सोसाइटी को हैंडओवर नहीं किया गया। एलडीए ने जो वायदे बुकलेट में किये थे उसमे से अनेक को पूरा ही नहीं किया। सभी समस्याओं को सुनने के बाद रेरा अध्यक्ष ने एलडीए से 2 जबाब मांगा की देखकर बताए कि अगर बिल्डिंग कम्प्लीट नहीं है तो इसे रेरा में क्यो नहीं रखा, और अगर कम्प्लीट है तो उसका कंप्लीशन सर्टिफिकेट कब जारी किया गया।
गौरतलब है कि आज तक गोमती नगर विस्तार की किसी भी अपार्टमेंट का सोसाइटी को हैंडओवर नहीं हुआ है। एलडीए हैंडओवर के संबंध में आरडब्ल्यूए को कभी कुछ बताता भी नहीं है। प्रधानमंत्री ने महासंघ के पत्र को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री से कारवाही के लिए भेजा था, जिसपर मुख्यमंत्री ने भी रेरा में शामिल करने के आदेश दिए है।