अब लोहिया में मुफ्त होगा सीटी स्कैन, मरीजों को मिली बढ़ी राहत
बलरामपुर, सिविल में 500 रुपये है सीटी स्कैन का शुल्क। मुफ्त सीटी स्कैन से गरीब मरीजों को मिलेगी काफी राहत।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। मरीजों का अब मुफ्त सीटी स्कैन हो सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने लोहिया अस्पताल में मशीन का लोकार्पण कर मरीजों को तोहफा दिया है। ऐसे में आथरेपेडिक व न्यूरो के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह मंगलवार (10 जुलाई) को लोहिया अस्पताल आए। इस दौरान पीपीपी मॉडल पर स्थापित एडवास सीटी स्कैन मशीन का लोकार्पण किया। साथ ही मरीजों की जाच मुफ्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुफ्त सीटी स्कैन से गरीब मरीजों को काफी राहत मिलेगी। पैसे का अभाव इलाज में अड़चन नहीं बनेगा। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में बने दो सीवेज प्लाट का भी लोकार्पण किया। कार्यक्त्रम में निदेशक डॉ. डीएस नेगी, सीएमएस डॉ. संजीव कुमार, एमएस डॉ. एमएल भार्गव मौजूद रहे।
पैथोलॉजी-ब्लड बैंक का भ्रमण:
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अस्पताल की पैथोलॉजी व ब्लड बैंक का भ्रमण किया। उन्होंने मरीजों की जाच संबंधी प्रक्त्रिया देखी। साथ ही ब्लड बैंक के कार्यो की भी सराहना की।
पीएमएस के अस्पतालों में एडवास मशीन:
लोहिया आयुर्विज्ञान, पीजीआइ व केजीएमयू में तो हाईटेक सीटी स्कैन मशीनें रन कर रही हैं। वहीं शहर के प्रातीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) के अस्पतालों में सबसे एडवास मशीन लोहिया अस्पताल में लगी है। बलरामपुर व सिविल अस्पताल में 10 वर्ष से अधिक पुरानी मशीन संचालित हैं। यहा मशीनें एक स्लाइस की हैं, जबकि लोहिया अस्पताल में 16 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन संचालित है। इसके अलावा बलरामपुर-सिविल में जाच फीस 500 रुपये है, जबकि लोहिया में मुफ्त है। 10-15 मरीजों को करना पड़ता था रेफर:
लोहिया अस्पताल में एमआरआइ मशीन की पहले से थी। मगर सीटी स्कैन के लिए हर रोज 10 से 15 मरीजों को जाच के लिए लोहिया संस्थान व केजीएमयू रेफर करना पड़ता था। मगर इन दोनों जगह पहले से भीड़ अधिक होने से मरीज प्राइवेट में जाच कराने को मजबूर होते थे। ऐसे में अब लोगों को काफी राहत मिलेगी। निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि मरीजों को मुफ्त जाच के लिए अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा लिखा जाना अनिवार्य है। सीवेज का होगा शुद्धीकरण:
अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि दो सीवेज प्लाट भी रन हो गए हैं। इसमें एक प्लाट की क्षमता 500 सीएमडी व दूसरे की 30 सीएमडी है। एक प्लाट मुख्य गेट के पास बनी पार्किंग के बगल में है, दूसरा मूर्ति गेट के पास है। इन दोनों प्लाट में अस्पताल के सीवेज व बारिश का पानी जाएगा। ऐसे में अभी तक बर्बाद होने वाले गंदे पानी का प्लाट में शुद्धीकरण किया जा सकेगा। इसके बाद पानी का उपयोग बगीचे में पेड़-पौधों की सिंचाई व बाथरूम, शौचालय आदि की साफ-सफाई में किया जा सकेगा।