सम सेमेस्टर में पूछे जाएंगे बहुविकल्पीय प्रश्न, परीक्षा समिति की बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव
लविवि व डिग्री कॉलेजों में स्नातक अंतिम वर्ष का परिणाम जल्द होगा घोषित, परीक्षा समिति में रखा जाएगा प्रस्ताव। नाम बदलकर डिप्लोमा इन टैक्स प्लानिंग एंड मैनेजमेंट किया तो आए सिर्फ सात फॉर्म।
लखनऊ [आशीष त्रिवेदी]। लखनऊ विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में स्नातक में पढ़ रहे विद्यार्थियों को सम सेमेस्टर में बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित परीक्षा देनी होगी और विषम सेमेस्टर में लिखित परीक्षा देनी होगी। लविवि प्रशासन जल्द परीक्षा समिति की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाएगा। इसका यह फायदा होगा कि स्नातक अंतिम वर्ष का परिणाम घोषित करने में आसानी होगी और विद्यार्थी आराम से परास्नातक कोर्सेज में दाखिला ले सकेंगे। अभी विद्यार्थी कापिया जाचने में अगर देरी हुई तो रिजल्ट का इंतजार करते हैं, आगे यह नहीं होगा। लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि स्नातक अंतिम वर्ष का परिणाम घोषित करने में देरी न हो इसके लिए यह व्यवस्था की जाएगी। यानी स्नातक द्वितीय, चतुर्थ और छठे सेमेस्टर में बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे जो कि ओएमआर बेस्ड होंगे। कापिया आराम से कम्प्यूटर के माध्यम से जाच दी जाएगी। वहीं पहले, तीसरे और पाचवें सेमेस्टर की परीक्षाओं में लिखित परीक्षा होगी। दरअसल दिसंबर में विषम सेमेस्टर की परीक्षा होती है और कापियों का मूल्याकन जनवरी-फरवरी में होता है। ऐसे में शिक्षकों को मूल्याकन में भी दिक्कत नहीं होगी। सम सेमेस्टर की परीक्षाएं मई में होती हैं और कापियों का मूल्याकन जून-जुलाई में होता है। शिक्षक गर्मी की छुट्टी में बाहर जाते हैं तो मूल्याकन प्रभावित होता है। तमाम शिक्षक गर्मी की छुट्टी बिताने बाहर नहीं जा पाते। ऐसे में सम सेमेस्टर में बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित परीक्षा करवाने से काफी सहूलियत होगी। लविवि प्रशासन इन्हीं सब बिंदुओं को ख्याल में रखकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। कुलपति प्रो. एसपी सिंह का कहना है कि परीक्षा समिति में जल्द यह प्रस्ताव पेश किया जाएगा और पास करवाया जाएगा। आतरिक मूल्याकन के अंकों में नहीं हो पाएगी हेराफेरी :
लविवि व डिग्री कॉलेजों में स्नातक में सेमेस्टर प्रणाली के अंतर्गत आतरिक मूल्याकन के अंक परीक्षा वाले दिन ही ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे। जो कॉलेज इसमें लापरवाही करेंगे उन पर कार्रवाई होगी। शिकायत पर विद्यार्थी को आतरिक मूल्याकन की कापी दिखानी होगी।
निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले 10 तक:
सूबे में इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए खाली चल रही करीब एक लाख सीटों पर दाखिले के लिए अभ्यर्थी अब 10 अगस्त तक आवेदन कर सकेंगे। निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीधे दाखिले और मैनेजमेंट कोटे से दाखिले के लिए अभ्यर्थी ऑनलाइन प्री-इनरोलमेंट रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि विद्यार्थियों की माग पर इसे बढ़ाया गया है। एकेटीयू से संबद्ध 597 इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में कुल 1.40 लाख सीटें हैं और मुख्य काउंसिलिंग व सीधे दाखिले से अभी तक लगभग 40 हजार सीटें ही भरी हैं। ऐसे में करीब एक लाख खाली सीटों को भरने के लिए 25 जुलाई को खत्म हुई तारीख को 10 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। विद्यार्थी एकेटीयू की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.एकेटीयू.एसी.इन पर मौजूद ईआरपी माड्यूल के अंतर्गत उपलब्ध व्यवस्था के तहत अपनी प्री इनरोलमेंट करवा सकेंगे।
लविवि में बीटेक की 50 सीटें खाली:
लविवि की इंजीनियरिंग फैकल्टी में बीटेक कोर्स की कुल 330 सीटों में से 280 सीटें मुख्य काउंसिलिंग से भर गई हैं। अब खाली 50 सीटों पर सीधे दाखिले लिए जाएंगे। इसके लिए पहले ही आवेदन फॉर्म लिए जा चुके हैं। तीन अगस्त को दाखिले होंगे। वहीं इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) में 100 सीटें खाली हैं और इन्हें स्पाट काउंसिलिंग से भरा जाएगा। वहीं दूसरी ओर डॉ. शकुंतला मिश्र विश्वविद्यालय में बीटेक कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है अभी तक 150 से अधिक आवेदन फॉर्म आए है।
दूसरे साल ही जीएसटी कोर्स ने तोड़ा दम:
लखनऊ विश्वविद्यालय में अच्छे ढंग से चल रहे जीएसटी सर्टिफिकेट कोर्स ने दूसरे साल ही दम तोड़ दिया। जिस कोर्स में दाखिले के लिए पिछले साल जबरदस्त मारामारी थी, इस वर्ष उसका कोई पुरसाहाल नहीं है। इसके पीछे खुद लविवि का कॉमर्स विभाग ही जिम्मेदार है।
दरअसल कॉमर्स विभाग ने छह महीने के सर्टिफिकेट कोर्स को एक साल के डिप्लोमा कोर्स में बदलकर उसका नाम डिप्लोमा इन टैक्स प्लानिंग एंड मैनेजमेंट रख दिया। यही नहीं पहले इस कोर्स में कोई भी दाखिला ले सकता था। अब डिप्लोमा कोर्स होने से यह एडऑन कोर्स हो गया, यानी जो विद्यार्थी पीजी में पढ़ रहे हैं वही इसे पढ़ सकते हैं। अब इस कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तारीख दोबारा बढ़ाकर 31 जुलाई की गई है, फिर भी सिर्फ सात आवेदन फॉर्म ही आए हैं।
लविवि में पिछले शैक्षिक सत्र में जीएसटी का सर्टिफिकेट कोर्स कॉमर्स विभाग में खोला गया। इसमें कोई इंटरमीडिएट पास व्यक्ति दाखिला ले सकता था। भारी संख्या में बिजनेसमैन और सेवानिवृत्त अधिकारियों ने इसमें दाखिला लिया था। क्योंकि आयु सीमा निर्धारित नहीं थी। पहले 60 सीटें रखी गईं और आवेदन फॉर्म 1500 से अधिक आ गए तो मेरिट से दाखिला हुआ और तीन से चार सेक्शन बनाए गए। फीस दो हजार रुपये थी। इस बार कोर्स को डिप्लोमा इन टैक्स प्लानिंग एंड मैनेजमेंट नाम से अपग्रेड किया गया। पाच हजार रुपये फीस है। 50 सीटें इस कोर्स में हैं और लॉ या कॉमर्स ग्रेजुएट ही दाखिला ले सकता है। लविवि के नियमों के अनुसार डिप्लोमा कोर्स एडऑन कोर्स होता है। ऐसे में जो विद्यार्थी यहा पहले से पढ़ रह हैं वह अपने कोर्स के साथ-साथ इसे एडऑन कोर्स के तौर पर पढ़ने के पात्र हैं। ऐसे में केवल सात फॉर्म ही आए हैं। कोर्स के कोआर्डिनेटर प्रो. सोमेश कुमार शुक्ला कहते हैं कि इसमें टैक्स की प्लानिंग व जीएसटी सब कुछ पढ़ाया जाएगा। इसे एडऑन कोर्स की बजाय नार्मल कोर्स के तौर पर चलाया जाए।
योग की सबसे ज्यादा डिमाड :
लविवि में 49 डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्सेज में दाखिले के लिए अभी तक सिर्फ 322 फॉर्म आए हैं। इसमें डिप्लोमा इन नैचुरोपैथी साइंस एंड योगा कोर्स में सर्वाधिक 69 फॉर्म आए हैं।