यूपी में थर्ड लाइन पर दौड़ेगी मेट्रो, तकनीकी खराबी से ट्रैक पर खड़ी नहीं होगी
यूपी मेट्रो का डॉयरेक्ट करंट के लिए कानपुर आगरा के अलावा लखनऊ को विस्तार। विश्व के 95 फीसद देशों में डीसी पर दौड़ रही मेट्रो दुर्घटनाएं होती है कम।
लखनऊ, जेएनएन। अब मेट्रो तकनीकी खराबी या फिर चाइनीज तार के कारण टै्रक पर खड़ी नहीं होगी। क्योंकि उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर व आगरा में चलने वाली मेट्रो को डॉयरेक्ट करंट डीसी से चलाया जाएगा। पटरी के किनारे तीसरी पटरी बिछाई जाएगी। इसमें डीसी करंट का प्रवाह होगा और मेट्रो अप व डाउन लाइन में उसी से चलेगी। विश्व के 95 फीसद क्षेत्रों मेट्रो में इसी का इस्तेमाल हो रहा है। वहीं कानपुर व आगरा मेट्रो के लिए उत्तर प्रदेश लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन डीसी वाली मेट्रो चलाने जा रहा है।
मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि डीसी करंट पुराने लखनऊ में भी चलाई जा सकती है। चारबाग से बसंतकुंज यानी 11.5 किमी. मेट्रो का ट्रैक डीसी से होगा। क्योंकि यहां स्टेशनों की कनेक्टिविटी नहीं है। चारबाग भूमिगत नया स्टेशन होगा। इसलिए यहां बिजली की सप्लाई नए सब स्टेशन यानी बिजली घर से होगी। विद्युत शाखा से जुड़े अभियंताओं ने बताया कि लागत कम आएगी। वर्तमान में बेंगलुरु व भोपाल में डीसी पर ही काम चल रहा है। वहीं भारतीय मेट्रो को अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) इलेक्ट्रिक लाइनों को क्लीयरेंस देगा।
आखिर कितनी सुरक्षित है डीसी
मेट्रो के विद्युत शाखा से जुड़े अधिकारी कहते हैं कि अमूमन एक लाइन पर दो पटरी होती है, लेकिन तीसरी पटरी यानी थर्ड लाइन पर डीसी करंट दौड़ाई जाएगी, जो मेट्रो मोटर को रंगडन के जरिए ऊर्जा देती रहेगी। तारों को पूरी तरह से फाइबर बाक्स से ढका जाएगा। पटरी पर प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
दिल्ली मेट्रो में ओएचई से प्रभावित मेट्रो
ओएचई की घटनाएं : 36
मेट्रो का निरस्तीकरण : 358
ट्रेन डी बोर्डिंग : 27
ट्रेन वापस हुई : 16
नोट : यह आंकड़े अप्रैल 2014 से छह अक्टूबर 2017 के बीच के हैं।
यूपीएमआरसी के एमडी, कुमार केशव ने कहा कि कानपुर व आगरा में भी डीसी फोकस कर रहे हैं। कोशिश है कि बेहतर सर्विस यात्रियों को दें।
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