स्मार्ट सिटी रैंंकिंग में 42 से 24वें स्थान पर आया लखनऊ, बदल रही है शहर की सूरत
848 करोड़ में 186 करोड़ रुपये खर्च तीन दर्जन कार्य भी शुरू। शहर की सूरत बदलने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए थे मंडलायुक्त।
लखनऊ, जेएनएन। सौ शहरों की स्मार्ट सिटी रैकिंग में लखनऊ ने लंबी छलांग मारते हुए 24वें स्थान पर पहुंच गया है। बेहतरीन कार्यप्रणाली, कार्यों को लेकर उच्च स्तरीय निर्णय लेने में देरी न होना और पूरी योजना से हुए काम के कारण राजधानी लखनऊ जो तीन माह पहले 42वें स्थान पर था, अब वह 24वें स्थान पर आ गया है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के चेयरमैन की गतिशीलता के कारण अब तक तीन दर्जन से अधिक कार्य भी शुरू हो चुके है। खासबात है कि जिस बजट को हाथ लगाने से अब तक अफसर डर रहे थे, उसमें 186 करोड़ रुपये भी अलग अलग विकास कार्यों पर भी खर्च हो चुके हैं। इनमें कमांड कंट्रोल सेंटर सबसे बड़ा उदाहरण हैं। इसके अलावा इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट, पार्किंग, वाईफाई, पार्कों का सुन्दरीकरण जैसे कई कार्य हैं।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड लखनऊ के खाते में कभी पैसे की कमी नहीं रही, लेकिन काम करने वालों ने काम नहीं किया। नतीजतन बैंक के खाते में पैसे एकत्रित होता रहा। साढ़े तीन साल में 848 करोड़ रुपये खाते में एकत्रित हो गए। पिछले छह माह में स्मार्ट सिटी कार्यों को जो गति मिली है, वह तीन साल में नहीं मिली। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी सौ शहरों की सूची में लखनऊ द्वारा 18 शहरों को पीछे करते हुए छलांग लगाई गई। रैकिंग में लखनऊ प्रोजेक्ट को पूरा करने वाले शहरों में 22.37 अंक लाया है। फंड ट्रांसफार्मर रैकिंग में लखनऊ को 13.64 फीसद अंक और फंड खर्च के मामले में 10.01 अंक मिले हैं। कुल स्कोर लखनऊ को 46.02 मिले हैं। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कैसरबाग को एरिया बेस्ट डेवलेपमेंट (एबीडी) के तहत विकसित किया जा रहा है। पांच वार्डों के अंतर्गत आने वाले 813 एकड़ क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत पांच साल के भीतर उक्त क्षेत्र को एबीडी के तहत विकसित करना है।
स्टेक होल्डर देंगे अपने सुझाव
कमांड कंट्रोल सेंटर में 19 मार्च को बैठक होगी। बैठक में जनप्रतिनिधि के अलावा 27 स्टेक होल्डर भी शिरकत करेंगे। अपने शहर को कैसे और खूबसूरत और ट्रैफिक के मामले में स्मूथ बनाया जा सके, इस पर चर्चा होगी।