अयोध्या में सावन शुक्ल तृतीया पर झूला महोत्सव
लखनऊ। अयोध्या-फैजाबाद के मणि पर्वत झूला महोत्सव से देवविग्रहों की झांकियां लौटने के बाद
लखनऊ। अयोध्या-फैजाबाद के मणि पर्वत झूला महोत्सव से देवविग्रहों की झांकियां लौटने के बाद कनकभवन सहित प्रमुख मंदिरों में झूला मेला का उल्लास चटख हो उठा। 'सदभूषण बसन अंखियन कजरा, प्यारी झूलन पधारो झुकि आए बदरा', यह बोल हैं सावन शुक्ल तृतीया पर आयोजित मणि पर्वत झूला मेले के दौरान महिसुता श्रृंगार कुंज के झूलनोत्सव के। इस अवसर पर मंदिर के श्रृंगारी महेंद्रशरण द्वारा राम जानकी के स्वरूपों को मणि पर्वत वन स्थित वृक्ष की डालियों पर झुलाया गया। इसी तरह सदगुरु कुटी के श्रृंगारी रामचंद्र शरण, सदगुरुशरण गोलाघाट आदि मंदिरों द्वारा भगवान श्रीसीताराम के स्वरूपों को गायन-वादन व नृत्य की त्रिवेणी के बीच घंटों झूला महोत्सव का रसास्वादन कराया गया। इस अवसर पर कनकभवन मंदिर से चांदी के पालकी पर विराजमान भगवान की झांकी शोभायात्रा मणिपर्वत ले जायी गयी। इस अवसर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाखों श्रद्धालुओं ने मणिपर्वत स्थित रामजानकी मंदिर में दर्शन पूजन किया। इससे पूर्व पूरे मेला क्षेत्र में देवविग्रहों की झांकी के गमनागमन के कारण श्रद्धालु धक्का-मुक्की के शिकार रहे।
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