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UP सरकार का फैसला: बाढ़ राहत शिविरों में ठहरने और खानपान के साथ मनोरंजन व बच्चों की शिक्षा भी

शिक्षा विभाग के अध्यक्ष अध्यापकों की लगेगी ड्यूटी। बाढ़ राहत व प्रबंधन के लिए राजस्व विभाग ने जारी किया शासनादेश। महिलाओं की विशेष सुरक्षा के लिए महिला गार्ड की नियमित पालीवार ड्यूटी लगाई जाएगी। शरणार्थियों के लिए मनोरंजन स्थल चिह्नित कर उसमें टेलीविजन रेडियो समाचार पत्र आदि की होगी व्यवस्था।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 07:45 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 07:50 AM (IST)
UP सरकार का फैसला: बाढ़ राहत शिविरों में ठहरने और खानपान के साथ मनोरंजन व बच्चों की शिक्षा भी
महिलाओं की विशेष सुरक्षा के लिए महिला गार्ड की नियमित पालीवार ड्यूटी लगाई जाएगी।

लखनऊ[राज्य ब्यूरो]। बरसात के मौसम में बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए संचालित किए जाने वाले राहत शिविरों में रहने और खानपान की उचित व्यवस्था के साथ शरणार्थियों के मनोरंजन का भी इंतजाम होगा। राहत शिविर में बच्चों के लिए खेलने और पढ़ने की समुचित व्यवस्था की जाएगी। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग से शिक्षकों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी।

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बाढ़ प्रबंधन व राहत शिविरों के संचालन के बारे में राजस्व विभाग ने बुधवार को शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश के मुताबिक राहत कैंप में स्वच्छ, पोषणयुक्त ताजा भोजन प्रतिदिन दो बार दिया जाएगा। बच्चों और वृद्धों को भोजन में केला, दूध, बिस्किट, सत्तू, दलिया आदि भी दिया जाएगा। शिविर में शरणार्थियों के लिए मनोरंजन स्थल चिह्नित कर उसमें टेलीविजन, रेडियो, समाचार पत्र आदि की व्यवस्था की जाएगी। महिलाओं की विशेष सुरक्षा के लिए महिला गार्ड की नियमित पालीवार ड्यूटी लगाई जाएगी। राहत शिविर के संचालन के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा जो नायब तहसीलदार से कम स्तर का नहीं होगा। 

भोजन के लिए मिलेगी सामग्री : बाढ़ राहत शिविरों में रहने वाले शरणार्थियों और इस आपदा से प्रभावित लोगों को 60 रुपये प्रति वयस्क और 45 रुपये प्रति अवयस्क की दर से 30 दिन तक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार को एक सप्ताह के लिए 10 किलोग्राम आटा, 10 किलोग्राम चावल, 10 किलोग्राम आलू, पांच किलोग्राम लाई, दो किलोग्राम भुना चना, दो किलोग्राम अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम धनिया, पांच लीटर केरोसिन तेल, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, एक लीटर रिफाइंड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन और दो नहाने के साबुन दिए जाएंगे। पशुओं के चारे के रूप में पांच किलोग्राम भूसा प्रतिदिन प्रति पशु दिया जाएगा। बाढ़ प्रभावित परिवारों को 48 घंटे के अंदर अभियान चलाकर खाद्य सामग्री बांटी जाएगी। इसकी कार्ययोजना पहले ही तैयार करने का निर्देश दिया गया है।


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