Electricity Bill In UP: अब रीडिंग बताकर जमा कर सकते हैं बिजली का बिल, गलत बताने पर डेढ़ गुणा जुर्माना
Electricity Bill In UP यूपी पावर कारपोरेशन ने सभी बिजली कंपनियों को पत्र जारी करते हुए कहा कि अब से उपभोक्ता रीडिंग बताकर बिजली का बिल जमा कर सकेंगे। वहीं गलत रीडिंग बताने पर उपभोक्ता को डेढ़ गुणा जुर्माना देना होगा।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Electricity Bill In UP कैश काउंटर पर स्वयं मीटर रीडिंग बताकर बिजली का बिल जमा करने वाले जागरूक उपभोक्ताओं को नजरअंदाज करने वाले बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों के रवैये को पावर कारपोरेशन ने गंभीरता से लिया है और इसे विद्युत नियामक आयोग के नियमों का उल्लंघन बताया है।
सभी बिजली कंपनियों को इस संबंध में निर्देश जारी
- पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज के निर्देश पर निदेशक(वाणिज्य) अमित कुमार श्रीवास्तव ने सभी बिजली कंपनियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
- कारपोरेशन ने उपभोक्ताओं को भी सचेत किया है कि यदि उन्होंने गलत रीडिंग बताकर बिल जमा किया तो उनसे डेढ़ गुणा तक जुर्माना वसूला जाएगा।
- निदेशक अमित कुमार श्रीवास्तव की ओर से बिजली कंपनियों को जारी पत्र में कहा गया है कि कैश काउंटर पर उपभोक्ताओं द्वारा मीटर रीडिंग देने पर वहां तैनात कार्मिक द्वारा बिल बनाने से मना किया जा रहा है, जो नियमों के विपरीत है।
- सभी प्रबंध निदेशक और अभियंता यह सुनिश्चित कराए कि उपभोक्ता द्वारा स्वयं रीडिंग दिए जाने पर नियामक आयोग की व्यवस्था के अनुसार बिल बनाकर उसे जमा कराया जाए।
- राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा द्वारा बुधवार को पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज और प्रबंध निदेशक पंकज कुमार के समक्ष यह मामला उठाए जाने के बाद कारपोरेशन ने यह कदम उठाया है।
बिल न जमा होने से खराब हो रही कंपनियों की आर्थिक स्थिति
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक दिसंबर को जहां एक दिन का कुल राजस्व 104 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ था, वहीं सात दिसंबर को एक दिन का कुल राजस्व लगभग 53 करोड़ के करीब रहा। कहा, प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों में कई दिनों से यह शिकायत आम हो गई थी कि जिन परिसर पर मीटर रीडर द्वारा मीटर रीडिंग नहीं हो पाती और वहां उपभोक्ता स्वयं अपने मीटर की रीडिंग लेकर बिलिंग काउंटर पर बिजली का बिल जमा करने जाते हैं, तो ना तो उनका बिल बनाया जाता है और ना ही उनके द्वारा बताई जाने वाली रीडिंग से बिल जमा किया जाता है। कैश काउंटर के कार्मिक द्वारा उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। इससे कंपनियों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है।