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अब 450 नही 500 बेड का होगा लखनऊ के DRDO का कोविड अस्पताल, कंट्रोल रूम भी होगा स्थापित

कोरोना संक्रमित गंभीर रोगियों के लिए वेंटिलेटर वाले एल 3 श्रेणी के अस्पताल की बड़ी कमी को अवध शिल्प ग्राम में बन रहा डीआरडीओ का कोविड केअर अस्पताल पूरा करेगा। अब यह अस्पताल 450 की जगह 500 बेड का बनेगा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 12:13 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 04:27 PM (IST)
अब 450 नही 500 बेड का होगा लखनऊ के DRDO का कोविड अस्पताल, कंट्रोल रूम भी होगा स्थापित
डीआरडीओ लखनऊ के कोविड अस्पताल में 150 होंगे आईसीयू।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमित गंभीर रोगियों के लिए वेंटिलेटर वाले एल 3 श्रेणी के अस्पताल की बड़ी कमी को अवध शिल्प ग्राम में बन रहा डीआरडीओ का कोविड केअर अस्पताल पूरा करेगा। अब यह अस्पताल 450 की जगह 500 बेड का बनेगा। जिसमें 150 बेड आईसीयू की सुविधा वाले होंगे। जबकि 350 बेड में ऑक्सीजन की आपूर्ति 24 घंटे होगी। डीआरडीओ 200 आईसीयू बेड लखनऊ की एक फर्म से मंगवाने के लिए संपर्क किया है। डीआरडीओ के अस्पताल को लेकर रविवार को सैन्य अधिकारियों और शासन के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। जिंसमे सैन्य अधिकारियों ने कोविड अस्पताल के नियंत्रण को लेकर अपने मास्टर प्लान को साझा किया। 

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मध्य कमान के सैन्य अधिकारियो ने कहा कि वह मौजूदा संसाधन में अधिक कोरोना रोगियों का उपचार कर सकते हैं। यहां पहले 450 रोगियों के उपचार की तैयारी थी। लेकिन आर्म्ड फ़ोर्स मेडिकल सर्विस के अधिकारियों की तैनाती इस कोविड अस्पताल में होगी। ऐसे में सेना के आईसीयू विशेषज्ञ डॉक्टरो की तैनाती होने से यहां आईसीयू की संख्या भी बढ़ाने का निर्णय लिया गया। कोविड अस्पताल से जुड़े सैन्य अधिकारी के मुताबिक यह यूपी में सबसे अधिक आईसीयू वाला अस्पताल बनेगा। देश भर से नेवी, आर्मी और एयरफोर्स के चिकित्सा अधिकारियों और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी। डीआरडीओ के अस्पताल को लालबाग स्थित कमांड कोविड सेंटर से जोड़ा जाएगा। जहां से कोरोना संक्रमित रोगियों को डीआरडीओ अस्पताल भेजा जाएगा। इस अस्पताल में एक मर्चुरी भी बनाया जाएगा।

ऑक्सीजन प्लांट तैयारअवध शिल्प ग्राम में बन रहे डीआरडीओ के अस्पताल में शनिवार को बीस हजार लीटर की क्षमता की मेडिकल ऑक्सीजन टैंक आया था।।रविवार को टैंक के लिए वेपोराइजर प्लांट भी लगा दिया गया। लिक्विड ऑक्सीजन को इसी प्लांट से कम्प्रेस कर पाइप के जरिये सीधे बेड तक पहुंचाया जाएगा। वही आईसीयू बेड की फिटिंग का काम भी तेज हो गया है। व्हील चेयर और स्ट्रेचर के सैम्पल भी आये।


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