पूर्व मंत्री के बाद अब इस कद्दावर भाजपा नेता के बंगले को खाली कराएगी सेना
लखनऊ में जांच में डॉ. संजय सिंह के बंगले में तीन एकड़ जमीन पर मिला अवैध कब्जा सेना की ए-1 भूमि को खाली कराने के लिए नोटिस चस्पा।
लखनऊ [निशांत यादव]। पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बाद सेना अब भाजपा नेता के बंगले में तीन एकड़ जमीन को उनके अवैध कब्जे से खाली कराएगी। सेना ने भाजपा नेता के बंगले की जांच की। इसमें चार में से तीन एकड़ जमीन सेना की ए-1 कैटेगरी की निकली। अब इस तीन एकड़ जमीन को खाली कराने का नोटिस मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय की ओर से बंगले पर चस्पा कर दिया गया है। सेना की अगली कार्रवाई जल्द ही एक कद्दावर नेता और राज्यसभा सदस्य के बंगले पर होगी। आरोप है कि राज्यसभा सदस्य ने मानचित्र के विपरीत बंगले में निर्माण कराया है।
छावनी के 13 सरदार पटेल मार्ग पर यह बंगला 4.15 एकड़ क्षेत्रफल में स्थित है। इस बंगले की जमीन सबसे पहले एक नवंबर 1929 को तीस साल की लीज सालाना 36 रुपये की दर पर जगन्नाथ प्रसाद व अन्य को दी गई। छावनी परिषद के 30 मई 1978 के आदेश में माना गया कि 4.15 एकड़ में से बंगले का हिस्सा 1.001 एकड़ है। जबकि, 3.149 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। इसके बाद सात दिसंबर 1983 को बंगले की 1.001 एकड़ जमीन को श्यामा देवी को बेच दिया गया था।
रक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों में श्यामा देवी भाजपा नेता डॉ. संजय सिंह की बहन थीं। बाद में श्यामा देवी ने बंगले को डॉ. संजय सिंह ने नाम किया था। बंगले की लीज की 90 साल की मियाद नवंबर 2019 में पूरी हो गई है। रक्षा संपदा मुख्यालय लखनऊ सर्किल ने तीन एकड़ जमीन खाली कराने के लिए मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय को पत्र लिखा। जीओसी मेजर जनरल प्रवेश पुरी के आदेश पर 10 जनवरी को रक्षा संपदा ने बंगले की जांच की। इसमें तीन एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा मिला। अब जीओसी मेजर जनरल प्रवेश पुरी ने बंगले की तीन एकड़ जमीन खाली कराने के आदेश दिए हैं।
पहले भी कार्रवाई
अक्टूबर 2018 में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी हुस्ना के 12 थिमैया रोड बंगले से भी इतनी ही जमीन को जीओसी मेजर जनरल प्रवेश पुरी और रक्षा संपदा अधिकारी एएम त्रिपाठी ने खाली कराया था। मामला कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचा था। इसमें गुलाम नबी आजाद के हस्तक्षेप के बाद भी सेना की कार्रवाई नहीं रुकी थी। वहीं, मेजर चिम्नी के बंगले की बिना अनुमति सेल डीड करने पर एक राज्यसभा सदस्य के खिलाफ भी सेना ने कार्रवाई की थी।