ग्रामीण भारत पर आज भी जारी है नोटबंदी की आर्थिक इमरजेंसी का कुप्रभाव : मायावती
चुनावी मौसम में बसपा प्रमुख मायावती लगातार ट्विटर के जरिये भाजपा पर हमलावर हैं। मंगलवार को उन्होंने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार को घेरा।
लखनऊ, जेएनएन। चुनावी मौसम में बसपा प्रमुख मायावती लगातार ट्विटर के जरिये भाजपा पर हमलावर हैं। मंगलवार को उन्होंने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार को घेरा।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'अपरिपक्व तरीके से थोपी गई नोटबंदी की आर्थिक इमरजेंसी का कुप्रभाव भले ही धन्नासेठों पर न पड़ा हो लेकिन, ग्रामीण भारत पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव जारी है। कामगार बेरोजगार होकर गांव वापस लौटने व मजदूरी करके गुजर-बसर करने पर मजबूर हैं, आंकड़े गवाह हैं। क्या बीजेपी माफी मांगेगी?'
अपरिपक्व तरीके से थोपी गई नोटबन्दी की आर्थिक इमरजेन्सी का कुप्रभाव भले ही धन्नासेठों पर न पड़ा हो किन्तु ग्रामीण भारत पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव जारी है। कामगार बेरोजगार होकर गांव वापस लौटने व मजदूरी करके गुजर-बसर करने पर मजबूर हैं, आंकड़े गवाह हैं। क्या बीजेपी माफी मांगेगी?— Mayawati (@Mayawati) March 26, 2019
रुपये से नहीं हमारी नीति से दूर होगी गरीबी
इससे पहले मायावती ने कांग्रेस के 20 फीसद गरीब परिवारों को साल में 72 हजार रुपये देने की घोषणा पर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया। मायावती ने गरीबी और बेरोजगारी के लिए भाजपा और कांग्रेस की सरकारों को दोषी ठहराया है। मायावती ने कहा है कि गरीबी पूरी तरह से दोनों सरकारों की गलत नीतियों की ही देन है।
उन्होंने रुपये देकर गरीबी दूर करने के कांग्रेस के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि गरीब की जटिल समस्या सिर्फ बसपा की नीति और उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति से ही दूर हो सकती है। हर हाथ को काम देने की नीति से बसपा ने प्रदेश में सर्वसमाज के लाखों लोगों को रोजगार देने का काम किया है।
गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो के निशाने पर भाजपा के साथ ही कांग्रेस भी है। कांग्रेस से दूरी बनाए रखने में ही मायावती को फायदा नजर आ रहा है।