कोरोना की दहशत से अयोध्या प्रकरण में नहीं हुए बयान, शनिवार को अधिवक्ता में हुई थी वायरस की पुष्टि
अयोध्या में जिला न्यायालय के एक व एक अन्य अधिवक्ता में वायरस मिलने से वकीलों में दहशत नहीं दर्ज हुए विशेष अदालत में अयोध्या प्रकरण के बयान।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस की दहशत के चलते सोमवार को अयोध्या प्रकरण की विशेष अदालत में आरोपितों के बयान दर्ज करने की कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। पूर्व सूचना के अनुसार मंगलवार से अदालत काम करेगी।
सीएमओ की ओर से शनिवार को एक अधिवक्ता के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की गई थी। इसके बाद जिला न्यायालय व परिसर को सैनिटाइज कराने के लिए जिला जज ने पांच और छह जुलाई को अदालतें बंद रखने का आदेश दिया था। हालांकि, बंदी का आदेश अयोध्या प्रकरण की विशेष अदालत, कॉमर्शियल कोर्ट एवं मोटर ट्रिब्यूनल की अदालतों पर लागू नहीं था। इसी बीच जिला न्यायालय के एक अन्य अधिवक्ता के भी कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिली। इस दहशत के कारण विशेष अदालत में सीबीआइ की ओर से पैरवी करने वाले विशेष अधिवक्ताओं ने विषम परिस्थिति में काम न करने का मन बना लिया है।
विशेष अधिवक्ता आरके यादव का कहना है कि अदालतों में कोरोना पैर पसार चुका है लेकिन, उनकी सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। अयोध्या प्रकरण की विशेष अदालत को भी विधिवत सैनिटाइज नहीं कराया गया है। इससे पूर्व कोरोना की विभीषिका को देखते हुए सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव पांडेय ने जिला जज को पत्र लिखकर जुलाई तक अदालतें बंद करने का अनुरोध किया था। पत्र में कहा गया है कि आठ जून के बाद से वादकारियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस कारण न्यायालय परिसर सुरक्षित नहीं हैं।
दूसरी ओर, अदालत बंदी के दौरान जिला न्यायधीश द्वारा फौजदारी के मुकदमों में दो दिन की सामान्य तिथि नियत किए पर वकील प्रतिक्रिया कर रहे हैं। आमतौर पर नियमित वादों में डेढ़ से दो महीनों की तिथि नियत होती है लेकिन, जिला न्यायालय में दो दिन की तिथि नियत होने से स्थिति बिगड़ती जा रही है। फिलहाल पूर्व सूचना के अनुसार अदालत अब मंगलवार से काम करेगी।