दो साल से बच्ची का कोई सुराग नहीं, पाच लोगों का हुआ नार्को टेस्ट
रायबरेली के हरचंदपुर क्षेत्र के द¨हगवा गाव से अपहृत ब'ची का मामला। एक साल पहले केस अवैध मानव व्यापार इकाई को हुआ था स्थानातरित।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। रायबरेली के हरचंदपुर क्षेत्र के द¨हगवा गाव से दो साल पहले अपहृत हुई छह वर्षीय अंशिका का पुलिस अबतक सुराग नहीं लगा सकी है। गत दिनों विधि विज्ञान प्रयोगशाला में दो महिलाओं समेत पाच संदिग्धों का नार्को टेस्ट अवैध मानव व्यापार निवारण इकाई द्वारा कराया गया है। घटना के बाद से बच्ची के परिवारीजन परेशान हैं। बच्ची के पिता राजाराम मौर्या के मुताबिक, 16 सितंबर 2016 को उनकी बेटी खेत से लौटते वक्त लापता हो गई थी। उन्होंने बेटी की हरचंदपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। लोगों से जानकारी मिली की गाव की दो महिलाओं ने ही बेटी को गायब किया है। इसके बाद उनके खिलाफ आशका जताते हुए अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस ने संदेह के आधार पर गाव की दो महिलाओं समेत पाच लोगों से पूछताछ की और छोड़ दिया। लचर पैरवी और हीलाहवाली के कारण मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। पांच लोगों का नार्को टेस्ट, लेकिन न मिला कोई सुराग:
वर्ष 2017 में केस लखनऊ पुलिस ऑफिस स्थित अवैध मानव व्यापार निवारण इकाई के लिए स्थानातरित कर दिया गया। मामले की विवेचना वहा से शुरू हुई। आलाधिकारियों और न्यायालय से न्याय की गुहार की। इसके बाद दोनों महिलाओं समेत पाच संदिग्धों का बीते हफ्ते नार्को टेस्ट कराया गया। लेकिन, अभी तक बेटी का सुराग नहीं लग सका। राजाराम मौर्या ने बेटी के साथ अनहोनी की आशका जताई है। उन्होंने बताया कि गाव में रहने वाली गुरुदेई के परिवारीजन से उसके चचेरे भाई गजोधर का झगड़ा हुआ था। झगड़े में भाई की ओर से पैरवी की थी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारियों ने बताया कि पाच संदिग्धों का नार्को टेस्ट किया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी।