यूपी सरकार के पास नदी प्रदूषणमुक्ति की ठोस कार्ययोजना नहीं
लखनऊ (राब्यू)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज नदियों की सफाई मसले पर हंगामे के बीच सरकार के
लखनऊ (राब्यू)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज नदियों की सफाई मसले पर हंगामे के बीच सरकार के जवाब से असंतुष्ट भाजपा और कांग्रेस ने बहिर्गमन किया। सरकार नदियों के प्रदूषण से मुक्ति की ठोस कार्ययोजना नहीं बता सकी।
विधानसभा में प्रश्न प्रहर में भाजपा के सतीश महाना के सवाल पर जंतु उद्यान राज्यमंत्री ने राष्ट्रीय जल गुणवत्ता अनुश्रवण प्रोग्राम की जानकारी दी और बताया कि गंगा, यमुना, वरुणा, काली, रामगंगा, सरयू, सई, गोमती, हिंडन, घाघरा, राप्ती और बेतवा के अलावा रिहंद, रामगढ़ लेक, गोविंद सागर, समरपुर झील, माहिल व लक्ष्मी तालाब समेत 53 स्थलों पर नियमित प्रदूषण जांच होती है। इसके अतिरिक्त जल प्रदूषण कानून-1974 के तहत मानकों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाती है।
गंगा के बढ़ते प्रदूषण का हवाला देते हुए महाना ने दोषियों के खिलाफ कृत कार्रवाई के बारे में जानना चाहा तो राज्यमंत्री पूरी जानकारी नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि चेतावनी के बाद भी मानक पूरे नहीं करने वाले आठ उद्योगों की बंदी के निर्देश दिए गए हैं। गंगा किनारे लगे उद्योगों की संख्या को लेकर सदन में काफी शोरशराबा हुआ। राज्यमंत्री ने 1868 उद्योगों की सूचना दी परन्तु विपक्ष इस पर सहमत नहीं दिखा। भाजपा के सुरेश राणा ने कृष्णा व हिंडन नदी में प्रदूषण बढ़ने से सहारनपुर से लेकर गाजियाबाद तक फैली बीमारियों के खतरे से अवगत कराया। बसपा के शमशेर बहादुर शेरू ने केंद्रीय प्लान में शारदा नदी शामिल नहीं किए जाने पर विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था, चीनी मिलों के प्रदूषित जल से शारदा नदी विषैली हो गई है। प्रदूषण बढ़ाने वाली फैक्ट्रियों पर कार्रवाई न होने को लेकर कांग्रेस के प्रदीप माथुर, पंकज मलिक व अजय कुमार, बंशी पहाड़िया ने पैसे बंधे होने का आरोप लगाया तो सत्ता पक्ष से हंगामा शुरू हो गया। भाजपा के रविंद्र भड़ाना, लोकेंद्र सिंह, रवि शर्मा, सत्यप्रकाश अग्रवाल और विमला सोलंकी भी इस शोरशराबे में शामिल हो गए। पीस पार्टी के अय्यूब व बसपा की रजनी तिवारी ने भी नदी प्रदूषण पर सरकार की खिंचाई की।
कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते वेल में पहुंच गए तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्न भाजपा का था आप सब लोग यहां कहां आ गए? हंगामा बढ़ता देख संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने केंद्र के बहाने भाजपाइयों पर निशाना साधा। बोले, महंगाई व नदियों के प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र की ओर से केवल राज्य सरकारों को पत्र लिखे जा रहे हैं। भ्रम फैलाकर और मीडिया के सहयोग से सत्ता पाने वालों की मंशा नदियों की सफाई करने की कतई नहीं। आजम खां के अलावा राज्यमंत्री यादव भी केंद्र सरकार पर बरसे तो भाजपा सदस्य बहिर्गमन कर गए। बाद में कांग्रेस ने भी वाकआउट किया।
दिल्ली खत्म करती यमुना का पानी
यमुना के प्रदूषित जल को लेकर जंतु उद्यान राज्यमंत्री यादव का कहना था कि दिल्ली यमुना का पानी समाप्त कर गंदा नाला बना देती है। आगरा व मथुरा में इसी कारण यमुना बेहद प्रदूषित दिखती है। यहां के बाद अन्य नदियां यमुना में न मिले तो उसमें पानी नहीं दिखे। नदियों की सफाई किसी एक प्रदेश के बूते की बात नहीं।