नाइजीरियन गिरोह ने E-mail स्पूफिंग के जरिए ठगे करोड़ों, सरगना समेत 7 अरेस्ट
साइबर क्राइम सेल की टीम ने ईमेल स्पूफिंग के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ,जेएनएन। साइबर क्राइम सेल की टीम ने ईमेल स्पूफिंग के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह का राजफाश किया है। गिरोह का सरगना नाइजीरिया का युवक है, जिसके साथ छह अन्य शामिल थे। साइबर सेल के नोडल अधिकारी व सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों ने ईमेल स्पूफिंग के माध्यम से राजकीय निर्माण निगम के एमडी के नाम का दुरुपयोग कर विभाग के खाते से साढ़े नौ लाख रुपये स्थानांतरित करवाए थे।
सीओ हजरतगंज ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना मूलरूप से ओपोवो रोड इमो स्टेट नाइजीरिया निवासी आस्कर यहां वार्ड नंबर तीन मेहरौली नई दिल्ली में रहता था। आरोपित के गिरोह में बारून औरंगाबाद बिहार निवासी मोहम्मद नौशाद, सिधारीपुर दरियाचक तिवारीपुर गोरखपुर निवासी रिजवानउल्लाह राईन, ठठवारी, मेहंदावल संतकबीर नगर निवासी प्रवीन जायसवाल, घोसीपुर तिवारीपुर गोरखपुर निवासी गयासुद्दीन खान व परवेज तथा राप्तीनगर शाहपुर गोरखपुर निवासी आशीष जायसवाल शामिल हैं। खास बात यह है कि गोरखपुर के ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स के कई खातों से अब तक एक करोड़ 31 लाख 464 रुपये स्थानांतरित किए जा चुके हैं। पड़ताल में पता चला है कि आरोपितों ने प्रदेश के कई जिलों में विभिन्न बैंकों में खाते खुलवा रखे थे।
नाइजीरिया के साथियों से हैक करवाता था ईमेल
पूछताछ में आरोपित आस्कर ने बताया है कि वह नाइजीरिया में बैठे अपने साथियों से ईमेल स्पूफिंग करवाकर बड़ी-बड़ी कंपनियों से लाखों रुपये स्थानांतरित करवा लेता था। आस्कर के कई नाइजीरियन साथी दिल्ली में भी सक्रिय हैं, जिनके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। आरोपित ने पूछताछ में पुलिस को कुछ ठोस जानकारी नहीं दी और पूछने पर उसके वकील से बात करने को बोला।
यह था मामला
उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के नाम पर जालसाजों ने साढे नौ लाख रुपये हड़प लिए थे। दरअसल, छह फरवरी को विभाग वित्तीय सलाहकार विनोद प्रभाकर को एक ई-मेल मिला था, जो निगम के एमडी राजन मित्तल के नाम से था। इसमें लिखा गया था कि वह एक बैठक में हैं और एक कपंनी को उसका साढ़े नौ लाख रुपये बकाया देना है, जिसे फौरन आरटीजीएस कर दें। मेल देखकर एकाउंटेंट ने रुपये स्थानांतरित कर दिए थे। बाद में पता चला था कि मेल एमडी ने नहीं भेजे थे, जिसके बाद पुलिस से शिकायत की गई थी। छानबीन में पता चला था कि रुपये गोरखपुर के श्री बालाजी महिला गृह उद्योग के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। विभूतिखंड पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर साइबर सेल से मदद की मांग की थी।
क्या है ईमेल स्पूफिंग
ईमेल स्पूफिंग का इस्तेमाल साइबर क्रिमिनल करते हैं। यह आपकी अथवा आपके विभाग की ईमेल आइडी या वेबसाइट से एकदम मिलती जुलती आइडी बना लेते हैं। इसे देखकर लगता है कि वह वास्तविक आइडी है। इसके बाद उससे वह आपको लिंक ईमेल करते हैं। देखने में वह विभाग का मेल लगता है और जैसे ही लोग उसे क्लिक करते हैं उनके कंप्यूटर में वायरस चला जाता है, जो सिस्टम से जारी जानकारी हैकर को भेजता है।
कमीशन पर खुलवाते थे खाता
गिरोह सामान्य लोगों से कमीशन पर खाता खुलवाता था। इसके बाद उन्हीं खातों में नेट बैंकिंग के माध्यम से रुपये स्थानांतरित किया जाता था। रुपये आने के बाद खाता धारक अपना कमीशन लेने के बाद गिरोह को रुपये भेज देता था। इसके बाद गिरोह के सदस्य दिल्ली जाकर आस्कर को उसके हिस्से के रुपये दे देते थे।
खुद को मृत बताने का आरोप
साइबर सेल की टीम के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों में प्रवीन ने कागजों में खुद को मृत दिखाया है। आरोपित के पास से मिले दस्तावेज में इसकी पुष्टि हुई है। प्रवीन की पत्नी नीलम ने एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस कंपनी को शपथ पत्र दिया था, जिसमें उसने प्रवीन की सड़क हादसे में मौत होने की बात लिखकर दुर्घटना बीमा राशि देने की मांग की थी। पुलिस का कहना है कि नीलम को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। आरोपितों के पास से एक लाख 10 हजार रुपये, 27 एटीएम कार्ड, 10 चेकबुक, तीन पासबुक, 14 मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद किए गए हैं।