निदा खान ने फतवा जारी करने वाले उलमा के खिलाफ एसएसपी को दी तहरीर
निदा खान ने कहा है कि वह फतवे को लेकर शहर इमाम और शीरान रजा समेत तीन के खिलाफ मुकदमा के लिए तहरीर देंगी।
बरेली (जेएनएन)। दरगाह आला हजरत से निदा खान को इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी होने पर शिकंजा कस गया है। डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने राष्ट्रीय और राज्य अल्पसंख्यक आयोग को रिपोर्ट भेजकर अब तक के पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया है। इस मुद्दे पर आयोग की बुधवार को बैठक होने की संभावना भी जताई जा रही है।
निदा खान ने शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम, मरकज़ी दारुल इफ्ता दरगाह आला हजरत की मुफ्ती अफजाल रजवी और अपने पूर्व शौहर शीरान रजा के खिलाफ एसएसपी को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने यह तहरीर दरगाह आला हजरत से इस्लाम से खारिज करने और तमाम पाबंदियां लगाने के फतवे के खिलाफ दी है। मुकदमा दर्ज करने से पहले एसएसपी ने जांच की बात कही है लेकिन तहरीर दिए जाने से ही इस पूरे मामले में उबाल आने की संभावना है।
निदा के खिलाफ फतवे का राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया था। जांच के लिए अगले ही दिन दो सदस्य टीम बरेली भेज दी। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सय्यद गयूरुल हसन रिजवी ने डीएम से एफआइआर दर्ज कराने के लिए कहा था। डीएम ने अब इस संबंध में दोनों आयोगों को रिपोर्ट भेज दी है।
निदा के तेवर तल्ख
आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी चला रहीं निदा खान ने बताया कि वह बुधवार को फतवा देने लेने और जारी कराने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर देंगी। इसमें तीन लोगों को नामजद कराया जाएगा। शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम, मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हजरत के मुफ्ती अफजाल रजवी और शीरान रजा खां, जिनसे कि निदा का निकाह हुआ था के खिलाफ तलाक इत्यादि का मामला अदालत में भी विचाराधीन है।
यह था मामला
आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान के खिलाफ फतवा एक सप्ताह पहले मुफ्ती अफजाल रजवी ने जारी किया था। उनसे शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने सवाल किया था-जो निंदा (महिला) कुरान व हदीस में जिक्र होने के बाद हलाला का इन्कार करे और उसे महिलाओं पर जुल्म करार दे, उसके लिए शरीयत का हुक्म बयां किया जाए।
जवाब में कहा गया था कि ऐसी महिला इस्लाम से खारिज हो जाएगी। वह तौबा नहीं करती है तो उससे हर तरह के ताल्लुकात तोड़ लिए जाएं। बीमार पड़े तो देखने न जाएं और मर जाए तो जनाजे में शिरकत नहीं करें। यहां तक कि कब्रिस्तान में दफन होने के लिए जमीन भी न दें।