अलकायदा के लखनऊ कनेक्शन की तलाश में NIA के जम्मू-कश्मीर में छापे, कई अहम दस्तावेज बरामद
लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद के आतंकियों की जड़ें तलाशने में जुटी एनआइए ने जम्मू-कश्मीर में छापेमारी की है। एनआइए ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां और बडगाम जिलों के पांच ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज व डिजिटल डिवाइस बरामद की हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद (एजीएच) के आतंकियों की जड़ें तलाशने में जुटी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने जम्मू-कश्मीर में ताबड़तोड़ छापेमारी की है। एनआइए ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां और बडगाम जिलों के पांच ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज व डिजिटल डिवाइस बरामद की हैं। जिनके आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है।
उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने 11 जुलाई को लखनऊ से अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद के सक्रिय सदस्य मिनहाज अहमद व मसीरुद्दीन को गिरफ्तार किया था। एडीजी एटीएस की जांच में सामने आया था कि दोनों आरोपित अपने अन्य साथियों की मदद से 15 अगस्त से पूर्व लखनऊ, कानपुर व प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर धमाकों का षड्यंत्र रच रहे थे।
आरोपितों ने मानव बम के जरिए भी हमलों की तैयारी की थी। यह भी सामने आया था कि मिनहाज व उसके साथी अलकायदा के इंडियन सबकांटीनेंट माड्यूल एजीएच का देश में संचालन कर रहे उमर हलमंडी के सीधे संपर्क में थे। तब मिनहाज के जम्मू-कश्मीर के कनेक्शन भी सामने आए थे। आरोपितों के घर से भारी मात्रा में विस्फोट, एक कूकर बम व एक पिस्टल बरामद हुई थी।
इसके बाद एटीएस ने लखनऊ से 14 जुलाई को मिनहाज के तीन अन्य साथियों शकील, मु.मुस्तकीम व मु.मुईद को गिरफ्तार किया था। जांच में यह भी सामने आया था कि उमर हलमंडी पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से इंडियन सबकांटिनेंट में अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआइए ने इस केस को अपने हाथ में ले लिया था और 29 जुलाई को लखनऊ में केस दर्ज कर अपनी छानबीन शुरू की थी।
एनआइए अब मिनहाज और उसके साथियों के जम्मू-कश्मीर कनेक्शन की परतें खंगाल रही है। एनआइए के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं, जिनके आधार पर अंसार गजवातुल हिंद से जुड़े अन्य संदिग्धों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। माना जा रहा है कि एनआइए जल्द इस माड्यूल के कुछ सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर सकती है।