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'मजबूर शिक्षक की सुनो पुकार, वेतन आदेश जारी करो सरकार', लखीमपुर में नवनियुक्त शिक्षकों ने वेतन के लिए छेड़ा Twitter अभियान

शिक्षकों ने पोस्टर बनाकर लिखा है कि मजबूर शिक्षक की सुनो पुकार वेतन आदेश जारी करो सरकार। शिक्षकों का कहना है कि जान जोखिम में डालकर उनसे मतदान व मतगणना आदि की भी ड्यूटी करा ली गई लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 05:09 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 05:09 PM (IST)
'मजबूर शिक्षक की सुनो पुकार, वेतन आदेश जारी करो सरकार', लखीमपुर में नवनियुक्त शिक्षकों ने वेतन के लिए छेड़ा Twitter अभियान
नवनियुक्त शिक्षकों ने घरों में धरना देकर शिक्षामंत्री, डीएम और बीएसए को वेतन के लिए किया ट्वीट।

लखीमपुर, जेएनएन। सात महीने से वेतन न मिलने से आक्रोशित नवनियुक्त शिक्षकों ने अब सरकार से गुहार लगाने के लिए ट्विटर अभियान छेड़ दिया है। शिक्षकों ने बेसिक शिक्षामंत्री, डीएम व बीएसए को ट्वीट किया है। घरों में रहकर धरना देते हुए शिक्षकों ने पोस्टर बनाकर लिखा है कि मजबूर शिक्षक की सुनो पुकार, वेतन आदेश जारी करो सरकार। शिक्षकों का कहना है कि जान जोखिम में डालकर उनसे मतदान व मतगणना आदि की भी ड्यूटी करा ली गई, लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा है।

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प्रदेश भर में 69 हजार शिक्षक भर्ती के पहले चरण में लखीमपुर जिले में तैनात हुए शिक्षकों को भी अभी वेतन नहीं मिला है। अक्टूबर महीने में इन शिक्षकों को नियुक्तिपत्र दिए गए थे। इसके बाद भी अब तक वेतन नहीं दिया गया है। शिक्षकों को वेतन न मिलने की खबर दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित की। इस पर शिक्षकों ने अब ट्विटर अभियान शुरू किया है। सहायक शिक्षक त्रिलोकी राज, अमरेन्द्र प्रताप सिंह, आनंद शुक्ला, गौरव मिश्रा आदि ने मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री, डीएम व बीएसए को ट्वीट करके वेतन तुरंत दिलाने की मांग की है।

शिक्षकों का कहना है कि मतगणना के बाद कई शिक्षक बीमार हो भी हो गए। अब उनके पास इलाज के भी पैसे नहीं हैं। खीरी जिले के शिक्षकों को ही वेतन नहीं मिल रहा है, जबकि उसी समय में सीतापुर सहित अन्य जिलों में जिन शिक्षकों की तैनाती हुई थी, उनको वेतन मिल रहा है। शिक्षकों का कहना है कि जिन 10 शिक्षकों का वेतन आदेश 13 अप्रैल को जारी हुआ, उसमें तीन दिन में लेखा विभाग को खंड शिक्षा अधिकारियों को भेजना था, लेकिन शिक्षक फोन पर जब बीईओ से बात करते हैं तो वह ध्यान नहीं दे रहे हैं।


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