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पीजीआइ में नए सर्जन को सिखाया गया रोबोटिक सर्जरी का हुनर

संजय गांधी पीजीआइ में पहली बार मिनिमल एसेस सर्जन ऑफ इंडिया (एमासीकॉन) 2018 का आयोजन किया। इसमें कई देशों के विशेषज्ञों ने नए सर्जनों को सर्जरी की बारीकियां सिखाई गईं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 05:53 PM (IST)
पीजीआइ में नए सर्जन को सिखाया गया रोबोटिक सर्जरी का हुनर
पीजीआइ में नए सर्जन को सिखाया गया रोबोटिक सर्जरी का हुनर

लखनऊ, जेएनएन। सर्जरी की नई विधा रोबोटिक सर्जरी और मिनिमल इंवेसिव सर्जरी में जटिलता कम करने के लिए संजय गांधी पीजीआइ में पहली बार मिनिमल एसेस सर्जन ऑफ इंडिया (एमासीकॉन) 2018 का आयोजन किया। इसमें कई देशों के विशेषज्ञों ने नए सर्जनों को सर्जरी की बारीकियां सिखाईं। गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. राजन सक्सेना, प्रो. अशोक कुमार, प्रो. आनंद प्रकाश, डॉ. सुप्रिया, डॉ. आशीष सिंह, डॉ. राहुल और डॉ. अशोक कुमार द्वितीय ने बताया कि इस दौरान आन हैंड ट्रेनिंग भी दी गई और सर्जरी का लाइव डिमांस्ट्रेशन हुआ और रोबोटिक सर्जरी का हुनर सिखाया गया। साथ ही सिम्युलेटर पर ट्रेनिंग दी गई।

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विशेषज्ञों ने बताया कि मिनिमल इंवेसिव सर्जरी में लोप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी की जाती है। रोबोटिक सर्जरी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से आगे की तकनीक है। इसमें कट भी रोबोट लगाते हैं। सर्जन केवल गाइड करते हैं। इस दौरान 35 मरीजों की गायनेकोलॉजिकल, यूरोलाजी, गैस्ट्रो संबंधी सर्जरी की गई। इसमें 12 देशों के चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया।

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में भी होता है कॉम्प्लिकेशन

गैस्ट्रो सर्जन एवं एमासीकॉन के आयोजक प्रो. अशोक कुमार और प्रो. आनंद प्रकाश ने बताया कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में भी कॉम्प्लिकेशन होता है। दक्ष सर्जन के हाथों भी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी होने पर 2 से 2.5 फीसद मामलों में आंत में छेद, रक्त स्राव, खून की मुख्य रक्त वाहिका में जख्म, हवा का बुलबुला जैसी परेशानी होती है। कम दक्ष सर्जन होने पर परेशानी की दर 15 से 20 फीसद तक होती है।

संस्थान के एसोसिऐट प्रोफेसर और कार्यक्रम के ज्वांइंट ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटेरी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि यह कार्य हमारे ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन प्रो. राजन सक्सेना, आयोजन सचिव प्रो. अशोक कुमार गुप्ता मार्गदर्शन में हुआ। यह भव्य कांफ्रेंस और वर्कशॉप हमारे पूरे शहर और संस्थान के लिए गर्व का विषय है ।


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