KGMU में टेंपरिंग से करोड़ों का घपला, पुराने नंबर पर नई रसीदें बनाकर दी गईं
मऊ निवासी समाजसेवी अश्वनि कुमार ने शपथपत्र के साथ 32 पेज का शिकायती पत्र भेजकर केजीएमयू में टेंपरिंग के जरिए करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया है।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। केजीएमयू में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जालसाजी कर पुराने नंबरों पर नई रसीदें काट दी गयीं। कंप्यूटर के जरिए करोड़ों का घपला किया गया। मरीजों के शुल्क से अफसरों-कर्मचारियों ने जेबें भरीं। बावजूद इसके केजीएमयू प्रबंधन अनजान बना है। जांच के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कैग से शिकायत की गई है।
मरीजों को डुप्लीकेट रसीदें मरीजों को थमाकर अपनी जेबें भरी हैं। यहां कंप्यूटर से सत्र 2019-20 में 2018-19 की रसीदें काटकर जमकर हेराफेरी की गई है। एक बार में ही कंप्यूटर पर पौने तीन लाख रसीदों के डाटा पर टेंपरिंग की गई। वहीं नई डेट पर पुराने सत्र की रसीद संख्या पर मरीजों का बिल काट दिया गया है।
2.78 हजार पुरानी रसीदें नई डेट में बनीं
चार अप्रैल 2019 को मरीज रौनक अफरोज ने टी-थ्री, टी-फोर, टीएसएच हार्मोनल जांच कराई। इनका बिल 350 रुपये का काटा गया। मगर कंप्यूटर से उन्हें बैक डेट की रसीद थमाई गई। सुबह 9:31 पर कटी इस रसीद पर पुराने वित्तीय वर्ष जीसीएएसएच-1515580/2018-19 संख्या दर्ज है। वहीं ठीक 11 घंटे बाद शाम को चार अप्रैल 2019 को 8:21 पर मरीज संतोष कुमार की एक्स-रे की रसीद 150 की काटी गई। इसका रसीद संख्या भी गत वित्तीय वर्ष की जीसीएएसएच-1236706/2018-19 दर्ज है। यानी कि एक ही दिन में दो लाख 78 हजार, 874 रसीदें गायब। वहीं एक रसीद का सामान्य बिल 200 रुपये माल लें तो पांच करोड़ 57 लाख, 74 हजार 800 का घपला। वहीं कुछ मरीजों को इसी तारीख में नए वित्तीय सत्र 2019-20 की रसीदें भी दी गईं।
रात में सत्र लग गया 2019-20, बिलिंग जारी रही 2018-19
31 मार्च 2019 रात्रि 12 बजे के बाद वित्तीय वर्ष बदल गया। ऐसे में मरीजों की बिलिंग सत्र 2019-20 की होनी चाहिए थी। मगर, चार अप्रैल के अलावा पांच अप्रैल 19 को भी दोपहर 12:21 पर बिल 2018-19 का काटा गया। मरीज प्रयाग माधव सिंह 69 वर्ष का ईसीजी जांच के लिए 2018-19 की रसीद काटी गई। इस मरीज की यूएचआइडी संख्या 20190162245 है।
क्या कहते हैं जिम्मेंदार ?
- केजीएमयू आइटी सेल इंचार्ज डॉ. संदीप भट्टाचार्य का कहना है कि पुराने वित्तीय वर्ष के रसीद नंबर पर नए वित्तीय वर्ष की तारीख में बिल बनाने की जानकारी नहीं है। हमारे पास कोई पत्र आता है तो अवलोकन कर मामले की जांच करेंगे।
- केजीएमयू वित्त अधिकारी मो. जमा के मुताबिक, पुरानी रसीदों के नंबर पर दोबारा रसीद काटी गईं, तो यह बड़ी गड़बड़ी है। सख्त कार्रवाई होगी। एफआइआर दर्ज कराकर जेल भेजूंगा।
- केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि गत वित्तीय सत्र के नंबर पर नए वित्तीय सत्र में बिलिंग करना गलत है। आईटी सेल प्रभारी से जानकारी ली जाएगी। जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
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