वाराणसी में तय होगी संघ की नई शिक्षा नीति
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नई शिक्षा नीति काशी में ही तय होगी। इस पर विशद मंथन के लिए संघ के प्रकल्प 'विद्या भारती' का तीन दिनी अखिल भारतीय सम्मेलन 11, 12 व 13 सितंबर को महमूरगंज के माहेश्वरी भवन में होगा है।
वाराणसी (डा.रवींद्र मिश्र)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नई शिक्षा नीति काशी में ही तय होगी। इस पर विशद मंथन के लिए संघ के प्रकल्प 'विद्या भारती' का तीन दिनी अखिल भारतीय सम्मेलन 11, 12 व 13 सितंबर को महमूरगंज के माहेश्वरी भवन में होगा है। इसमें संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबोले के साथ-साथ विद्या भारती के संगठन मंत्रियों सहित दिग्गज भाग लेंगे।
बीते हफ्ते दिल्ली में हुई भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की समन्वय बैठक में शिक्षा, संस्कृति संग आंतरिक सुरक्षा पर विशद चर्चा हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के अधिकतर शीर्ष नेतृत्व ने भाग लिया था, जहां शिक्षा को लेकर चिंतित संघ की ओर से कई सुझाव आए थे। मसलन, मातृभाषा में ही प्रारंभिक शिक्षा होनी चाहिए। लंबी अवधि में भारतीय भाषाओं में ही उच्च शिक्षा के लिए भी समुचित प्रबंध हों।
बैठक में कहा गया था कि मोदी सरकार इसी के अनुरूप शिक्षा में सुधार की दिशा में प्रयास कर रही है। बदलाव के लिए गांव और ब्लाक स्तर से भी सुझाव मांगे गए हैं। यह भी बताया गया कि सरकार इतिहास के भारतीय हीरो को भी प्रचारित करेगी। यह आश्वासन भी दिया गया था कि शिक्षा में भारतीयता और भारतीय गौरव का ध्यान रखा जाएगा।
काशी में हो रहे सम्मेलन में नई शिक्षा नीति, रोजगार परक शिक्षा, संस्कृति समेत कई अन्य मुद्दों पर विशद विमर्श होगा। संघ मानता है कि विकास का माडल पश्चिमी नहीं, भारतीय होना चाहिए। ऐसे समय जब लोग अपना गांव पढ़ाई, कमाई और दवाई के लिए छोड़ रहे हों, यह देखना होगा कि गांवों में बेहतर जीवन के लिए रोजगार परक शिक्षा का विकास कैसे हो। एक सशक्त, स्वाभिमानी व स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए शिक्षा कितनी जरूरी है। संघ के वरिष्ठ प्रचारकों का मानना है कि संघ की नई शिक्षा नीति सरकार के लिए संजीवनी का काम करेगी।