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Barabanki triple murder case: भांजे ने की थी मामी और दो बहनों की हत्या, मरणासन्न अवस्था में किया था दुष्कर्म

बाराबंकी में 36 घंटे के भीतर पुलिस ने किया तिहरे हत्याकांड का राजफाश। उपचार के दौरान घायल तरन्नुम ने भी तोड़ा दम।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 07:02 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 08:05 AM (IST)
Barabanki triple murder case: भांजे ने की थी मामी और दो बहनों की हत्या, मरणासन्न अवस्था में किया था दुष्कर्म
Barabanki triple murder case: भांजे ने की थी मामी और दो बहनों की हत्या, मरणासन्न अवस्था में किया था दुष्कर्म

बाराबंकी, जेएनएन। महिला की हत्या कर उसकी डेढ़ वर्षीय पुत्री को मारकर छत के नीचे फेंकने और दूसरी बच्ची को मरणासन्न करने की सनसनीखेज वारदात का पुलिस ने 36 घंटे के अंदर राजफाश कर लिया है। हालांकि, घायल तीसरी बच्ची की भी उपचार के दौरान मौत हो गई है। इस वारदात को मृतका के भांजे ने प्रतिशोध में अंजाम दिया था। यह जानकारी एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने मंगलवार की शाम को दी।

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सुबेहा थाना क्षेत्र के ग्राम लोदीपुरवा मजरे मरुई निवासी मेराज की पत्नी जीन्तुल निशा, उसकी डेढ़ वर्षीय पुत्री कुलसुम निशा की 14 जून की रात हत्या कर दी गई थी। जबकि, साथ में छत पर सो रही आठ वर्षीय पुत्री तरन्नुम को मरणासन्न कर दिया गया था। हत्यारोपित ने कुलसुम को छत से नीचे फेंक दिया था। एसपी ने बताया कि इस सनसनीखेज वारदात के लिए क्राइम ब्रांच सहित कई पुलिस टीमें लगाई गई थीं। तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि मेराज का भांजा शफीक पुत्र जामिन जो पड़ोस के गांव पूरे पठान का रहने वाला है। उसने इस वारदात को प्रतिशोध में अंजाम दिया है।

प्रतिशोध में की हत्या

एसपी ने बताया कि शफीक बेरोजगार था और वह आए दिन अपनी मामी जीन्तुल निशा से पैसे मांगा करता था। वारदात की रात को भी वह रुपये मांगने आया तो जीन्तुल ने उसे बेइज्जत कर भगा दिया था। प्रतिशोध के चलते शफीक आधी रात दीवार के सहारे छत पर चढ़ा और मच्छरदानी के भीतर सो रही जीन्तुल के सिर पर ईंट से कई वार कर मरणासन्न कर दिया। डेढ़ वर्षीय बच्ची जागकर रोने लगी तो उसके भी माथे पर ईंट से वार किया और छत से नीचे फेंक दिया। इसके बाद जागी तरन्नुम ने उसे देख लिया तो शिनाख्त के डर से उसे भी मरणासन्न कर दिया।

ठीक नहीं थी शोहरत

शफीक की आम शोहरत ठीक नहीं थी। यही कारण था कि परिवारजन भी उसे घर में नहीं रुकने देते थे। लॉकडाउन के दौरान वह बिल्कुल ही बेरोजगार भी हो गया था। वह गांव के बाहर एक भट्ठे पर रहता था और परिचित लोगों से मांगकर अथवा मजदूरी करके जीवन यापन करता था।

अचेत अवस्था में किया दुष्कर्म 

आरोपित ने स्वीकार किया है कि ईंट के प्रहार से मरणासन्न हुई मामी के साथ उसने दुष्कर्म भी किया था। एसपी ने बताया कि पीएम के दौरान स्लाइड बनाकर जांच के लिए भेजी गई है।

टीम को 10 हजार

इस वारदात का राजफाश करने में सुबेहा कोतवाल गंगेश शुक्ला, एसएसआइ चंद्रकांत, एसआई विपिन कुमार, सिपाही धर्मेंद्र यादव, राम सरेख, संजय विश्वकर्मा, मो. हारुन को एसपी ने 10 हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।


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