India Nepal News: चीन की शह पर नेपाल बना रहा बाॅर्डर चौकी, तैनात होगा नेपाली सुरक्षा बल
India Nepal News चीन के इशारे पर तैयार की जा रहीं बॉर्डर चौकी बलरामपुर सीमा पर 11 स्थानों को पहले चरण में चुना। लॉकडाउन की आड़ में नेपाली सेना अपना रही आक्रामक रुख।
बलरामपुर, (रमन मिश्र)। चीनी से मित्रता की पींगे बढ़ा रही मौजूदा नेपाली सरकार सीमा पर स्थाई हदबंदी की तैयारी में जुटी है। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की आड़ में बलरामपुर जिले से सटी खुली सीमा पर नेपाल ने बॉर्डर चौकी बनाने की कवायद तेज कर दी है। दांग व कपिलवस्तु (नेपाल) में 11 स्थानों का चयन कर लिया है, जहां इन चौकियाें का निर्माण कर हर वक्त सेना तैनात रखने की योजना है। वर्तमान में नेपाल के भदुआ व भदुआर में अस्थाई चौकी बनी है जिसका भी स्थाई निर्माण होगा। नेपाली नागरिकों ने बताया कि भौरीसाल, मूसी नाका, फोहरी, पटौली, सुख्खा, भैंसाही, ककरहवा, सुकौली व छेगृया (गंधेला) में बाॅर्डर चौकी के लिए स्थल चयन किया गया है।
चीन के साथ हालात बिगड़ने के बाद नेपाल की मौजूदा सरकार के रुख का असर सीमा के इस क्षेत्र पर भी साफ दिख रहा है। सब्जी, राशन से लेकर इलाज तक के लिए भारत गोद में खेलने वाला नेपाली सरकार अब चीन के इशारों पर खेल रही है। कोरोना की आड़ में आवागमन पर रोक के बाद दोनों देशों में तल्खियां बढ़ रहीं हैं। चीन की सह पर अब नेपाल भारत के सीमावर्ती जिलों में 89 बीओपी चौकी बनाने की तैयारी में है। इस बात की पुष्टि खुद नेपाली नागरिकों ने की है। नागरिक पदम सिंह व शिव बहादुर थापा का कहना है कि नेपाल के भदुआ व भदुआर में अस्थाई बीओपी चौकियां बन गईं हैं। यहां चीन की बनी चारपाई व नीले रंग के टेंट उपयोग किया जा रहा है, सीमा पर साफ देखे जा सकते हैं। चीन की मदद से कई रोड प्रोजेक्ट भी चलाए जा रहे हैं। अक्सर चीनियों की हलचल सीमा पर देखी जाती है। ये चीन के प्रति कम्युनिस्ट नेपाली सरकार के गठजोड़ को उजागर करता है।
लगातार आक्रामक रुख दिखा रही नेपाली सरकार
नेपाल और भारत के बीच खुली सीमा के हालात किसी से छिपे नहीं है। दोनों ही देशों के लोग सामान्य दिनों में बिना रोकटोक आते जाते हैं। तमाम सीमावर्ती गांव आधे नेपाल व आधे भारत में आते हैं। दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का सीधा संबंध है। नेपाल के लोग भारत के बाजार से खरीदारी करने आते रहे हैं तो यहां के व्यापारी काठमांडू तक जरूरत के सामान का व्यापार करते हैं मगर कुछ समय से मौजूदा कम्युनिस्ट सरकार चीन के इशारे पर लगातार आक्रामक रुख अपनाए है। कई जगह जमीन को लेकर वहां की सेना विवाद खड़ेे कर चुकी है। लॉकडाउन की आड़ में भारतीय नागरिकों पर हमले तक हो रहे हैं। लोगों का आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया है, जिससे खुले व्यापार पर बुरी तरह असर पड़ा है। उत्तराखंड के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने नक्शे में बताकर सीमा विवाद को वहां की सरकार लगातार हवा दे ही रही है। इतना ही नहीं, इससे पूर्व नेपाल राष्ट्र बैंक ने किसी भी व्यक्ति को एक दिन में 2500 से अधिक भारतीय रुपयेे केे लेनदेेेन पर रोक लगा दी थी। भारतीय मुद्रा से विनिमय सप्ताह में एक बार ही करना भी तय किया है। साथ ही भारत के 500 और 1000 रुपये के नोट के चलन पर भी रोक लगा दी है। पहले नेपाल में भारतीय मुद्रा का बेरोकटोक चलन था।
क्या कहते है अधिकारी
'नेपाल अपनी सुरक्षा की दृष्टि से बॉर्डर पर चौकियों का उच्चीकरण कर रहा है। एसएसबी से बराबर रिपोर्ट मिल रही है। अभी कोई नकारात्मक इनपुट नहीं मिला है। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं।' -कृष्णा करुणेश, डीएम बलरामपुर
'सीमा की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सीमावर्ती थाने व एसएसबी पूरी तरह से मुस्तैद है। नेपाल किस मकसद से ऐसा कर रहा है, भविष्य के परिणामों का भी अध्ययन हम कर रहे हैं। ' -देवरंजन वर्मा, एसपी