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बलिया के बेटी ने रचा इतिहास, नेहा सिंह ने खनिज रंगों से 'मोक्ष का पेड़' पेंटिंग बना दर्ज कराया गिनीज बुक में नाम

यूपी के बलिया की नेहा सिंह ने एक अनूठा कीर्तिमान रच दिया है। उन्होंने खनिज रंगों से भगवद् गीता पर आधारित मोक्ष का पेड़ नामक चित्र बनाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड आंध्र प्रदेश की श्रेया तातिनेनी के नाम था।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 06:13 PM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 06:15 PM (IST)
बलिया के बेटी ने रचा इतिहास, नेहा सिंह ने खनिज रंगों से 'मोक्ष का पेड़' पेंटिंग बना दर्ज कराया गिनीज बुक में नाम
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की नेहा सिंह ने एक अनूठा कीर्तिमान रच दिया है।

बलिया, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की नेहा सिंह ने एक अनूठा कीर्तिमान रच दिया है। उन्होंने खनिज रंगों से भगवद् गीता पर आधारित 'मोक्ष का पेड़' नामक चित्र बनाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड आंध्र प्रदेश की श्रेया तातिनेनी के नाम था। रविवार को एक समारोह में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप ने नेहा सिंह को सर्टिफिकेट देकर उनका मान बढ़ाया। इस उपलब्धि के बाद उनका नाम काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के इतिहास में भी दर्ज हो गया है। वह बीएचयू की पहली छात्रा हैं, जिनका व्यक्तिगत नाम गिनीज बुक में दर्ज हुआ है।

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नेहा सिंह बलिया जिले के रसड़ा गांव की रहने वाली हैं। वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में अध्ययन कर रही हैं। कोरोना संकट काल में जब लॉकडाउन का ऐलान हुआ तब वह अपने घर बलिया चली गई थीं। उनका ज्यादातर समय वैदिक विज्ञान, उपनिषद, भगवद्गीता, भारतीय संस्कृति आदि विषयों में शोध एवं अध्ययन में करने में बीतता है। वह इस चित्रकारी की तैयारी एक साल से कर रही हैं।

नेहा सिंह ने बताया कि घर पर ही खनिज रंगों को तैयार किया। इसके बाद पेंटिंग बनाई। इसका आकार 62.72 स्क्वॉयर मीटर यानि 675.36 स्क्वॉयर फीट है। पेंटिंग जुलाई महीने में ही गिनीज के नियमों के अनुसार तैयार करके ऑनलाइन सारा डाक्यूमेंट्स जमा कर दिया था,लेकिन कोविड-19 के चलते मुख्यालय से जवाब आने में चार महीने का समय लग गया। उन्होंने बताया कि करीब आठ पेंटिंग्स के बाद भगवद्गीता पर आधारित पेंटिंग तैयार हुई, जिसे गिनीज बुक के लिए चुना गया। 

नेहा सिंह ने बताया कि भगवद्गीता पर आधारित इस पेंटिंग में 18 अध्यायों को पेड़ की 18 शाखाओं में और एक-एक शाखाओं में एक से 18 पत्तों का चित्रण करके ऊपर कमल एवं ॐ से मोक्ष प्राप्ति का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया है। खनिज रंगों से पेंटिंग बनाने के लिए गिनीज रिकॉर्ड अथॉरिटी के बहुत सारे नियमों का पालन करना था।

नेहा सिंह ने बताया कि पहले यह रिकॉर्ड आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की रहने वाली श्रेया तातिनेनी के नाम था। उन्होंने 29 सितंबर, 2019 को 54.67 स्क्वॉयर मीटर यानी 588.56 स्क्वॉयर फीट में खनिज रंगों से पेंटिंग बनाई थी। उसी समय से इसी रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए अप्लीकेशन दिया था, लेकिन गिनीज रिकॉर्ड से अनुमति मिलते एवं तैयारियों में साल भर का समय लगा। नेहा ने इस कार्य की तैयारी और उसे पूर्ण रूप देने के लिए पिछले सात सालों से खुद से बनाई गई अपनी सभी पेंटिंग मुंबई के एक चित्रकला के व्यापारी को बेच दिए।

पहले भी दर्ज हैं कई रिकॉर्ड

  • पहला रिकॉर्ड 16 लाख मोतियों से 10×11 फीट का भारत का नक्शा बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड आफ इंडिया में दर्ज है।
  • दूसरा रिकॉर्ड 449 फीट कपड़े पर 38417 डॉट-डॉट कर अंगुलियों के निशान से हनुमान चालीसा लिख कर यूरेसिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
  • तीसरा रिकॉर्ड दुनिया का पहला दशोपनिषद् एवं महावाक्य का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम बनाकर इंडियन बुक आफ अवर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

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