UP बोर्ड परीक्षा: विद्यालय की क्षमता को दरकिनार कर बढ़ाए केंद्र
माध्यमिक शिक्षक संघ ने दी आंदोलन की धमकी। डिप्टी सीएम व माध्यमिक शिक्षा परिषद को लिखा पत्र।
लखनऊ(जेएनएन)। सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों के बोर्ड परीक्षा केंद्र की सूची से गायब होने का मामला गरमा गया है। आरोप है कि विद्यालयों की धारण क्षमता का प्रयोग न करके और कम छात्रों के बावजूद अधिक केंद्र बनाने का षडयंत्र किया गया है।
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ.आरपी मिश्रा की मौजूदगी में जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें जनपदीय परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी, पदेन सचिव जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ, माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय, सचिव नीना श्रीवास्तव व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र भेजा गया। इस दौरान जिला अध्यक्ष अनुराग मिश्र ने कहा कि सिर्फ 11 सरकारी कॉलेजों को केंद्र बनाया गया। वहीं, गत वर्षों से बनते आ रहे प्रतिष्ठित सहायता प्राप्त कॉलेजों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। वहीं, इस बार छह हजार कम छात्र होने के बावजूद अधिक केंद्र बनाए गए है। प्रांतीय प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि कई सरकारी व सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों की धारण क्षमता एक पाली में 300 से 500 तक है। उनमें दोनों पालियों में 600 से 1000 छात्र-छात्राएं परीक्षा दे सकते हैं। वहीं इन विद्यालयों में दोनों पालियों में 500 से कम परीक्षार्थियों का आवंटन किया गया है। इसके चलते केंद्र बढ़ाकर निजी स्कूलों को तोहफा दिया गया। उन्होंने सहायता प्राप्त व सरकारी स्कूलों को केंद्र बनाने के साथ कुल 120 केंद्र ही बनाने की मांग की।
दोनों पाली में आवंटित छात्र
संस्कृत कन्या पाठशाला
151 - 112 - कुल 263
दयानंद गल्र्स कॉलेज
192 - 149 - कुल 341
हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज
197 - 169 - कुल 366
कालीचरण कॉलेज
212 - 195 - कुल 407
म्यूनिसिपिल गल्र्स कॉलेज
266 - 151 - कुल 417
कस्तूरबा कन्या इंटर कॉलेज
262 - 162 - कुल 425
हनुमान प्रसाद रस्तोगी कॉलेज
347 - 79 - कुल 426
खुनखुन जी गल्र्स चौक
241 - 202 - कुल 443
योगानंद गल्र्स कॉलेज
316 - 155 - कुल 471
मोतीलाल मेमोरियल
356 - 130 - कुल 486
भारतीय बालिका कॉलेज
275 - 214 - कुल 489
जगन्नाथ प्रसाद साहू कॉलेज
269 - 249 - कुल 518
बना दिए दूर के केंद्र
डीआइओएस ऑफिस में करीब 20 आपत्तियां पहुंची हैं, जिसमें लोगों ने स्कूलों द्वारा तय दूरी से अधिक परीक्षा केंद्र बना दिए है। साथ ही स्कूल में कम छात्र आवंटित करने का भी जिक्र किया।