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बेसिक शिक्षा विभाग की नई रेट लिस्‍ट: 50 रुपये में देशी घी और 40 में काजू!

कस्तूरबा स्कूल का हाल : बेसिक शिक्षा विभाग के बेतुके निर्णय से खाद्य सामग्री का संकट। छात्राओं की थाली से गायब पौष्टिक आहार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 01:54 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 03:08 PM (IST)
बेसिक शिक्षा विभाग की नई रेट लिस्‍ट: 50 रुपये में देशी घी और 40 में काजू!
बेसिक शिक्षा विभाग की नई रेट लिस्‍ट: 50 रुपये में देशी घी और 40 में काजू!

लखनऊ [संदीप पांडेय]। 50 रुपये में देशी घी... वो भी आज के जमाने में? जी हां सुनने में जरूर अटपटा लगेगा, लेकिन सच है। बाजार में भले न मिले, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग खरीदने में लगा है। बेसिक शिक्षा विभाग में खाद्य सामग्री की अव्यवहारिक कीमतें तय कर दी गई हैं। बाजार का आकलन किए बगैर आंख मंूद कर फर्मों की न्यूनतम दरों पर मुहर लगा दी गई है। स्थिति यह है कि अब 50 रुपये में देशी घी खरीदने का ऑर्डर दिया जा रहा है। वहीं आपूर्तिकर्ता को तय शुल्क पर बाजार में उत्पाद तलाशे नहीं मिल रहा है। लिहाजा, छात्राओं की थाली से घी गायब है।

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राजधानी में आठ कस्तूरबा गांधी विद्यालय संचालित हैं। आठों ब्लॉकों में स्थापित आवासीय विद्यालयों में आठ सौ के करीब छात्राएं पढ़ती हैं। ऐसे में इनके भोजन के लिए वार्डेन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, खाद्य सामग्री आपूर्ति के लिए आठ फर्मों के साथ करार किया गया है। दावा है कि हर फर्म को न्यूनतम दरों पर ब्रांडेड उत्पाद सप्लाई की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे ही एक फर्म को देशी घी व ड्राई फूड मुहैया कराना है। इसमें 50 रुपये में देशी घी व 105 रुपये में सरसों का तेल देने का दावा किया गया। यानी कि सरसों के तेल से घी आधी कीमत पर है। ऐसे में जुलाई से अब तक 80 किलोग्राम देशी घी का ऑर्डर दिया जा चुका है। मगर फर्म ने एक किलो घी तक स्कूलों को नहीं भेजा है।

40 रुपये तय किया काजू का रेट
अफसरों ने सिर्फ देशी घी ही नहीं, ड्राई फ्रूट की न्यूनतम दरों को भी तय करने में लापरवाही की गई। उन्होंने 40 रुपये में फ्रेश काजू, काजू टुकड़ा खरीदने की अनुमति दी। वहीं 50 रुपये में बादाम, 40 रुपये में किशमिश, 40 रुपये में चिरौंजी खरीदने का दावा किया गया। इन उत्पादों की आपूर्ति भी ठप है।

पौष्टिक आहार को झटका
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में देशी घी व ड्राई फ्रूट सप्लाई नहीं हो पा रहा है। 109 उत्पादों में से कई का संकट छाया हुआ है। ऐसे में घी की बजाए छात्राएं सूखी रोटी खाने का मजबूर हैं। वहीं, खीर से भी मेवा गायब है। नाश्ते के हलवा में भी देशी घी की महक नदारद हो चुकी है। लिहाजा, छात्राओं को पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है।

दो बार टेंडर, फिर भी व्यवस्था फेल
खाद्य आपूर्ति के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अप्रैल में टेंडर किया। फाइनेंशियल बिड में सिर्फ एक कंपनी शेष रहने पर दोबारा जुलाई में निविदा की गई। इसमें आठ फर्मों को न्यूनतम दरों वाले उत्पाद के आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसे बेसिक शिक्षा कार्यालय की निविदा समिति के बाद डीएम की अध्यक्षता वाली जिला शिक्षा समिति ने मंजूरी प्रदान की है।

कीमत प्रति किलो के हिसाब से

उत्पाद   - तय दर -  बाजार दर

देशी घी  :   50   :   500-550

किशमिश : 40  :    245-350

बादाम   :  50   :   650-700

काजू    :   40   :   700-950

काजू टुकड़ा  :  40  :  700-800

चिरौंजी   :  40   :   600-850

छुहारा   :   40    : 45-130

क्या कहते हैं बीएसए
लखनऊ बीएसए डॉ. अमरकांत का कहना है कि टेंडर में हर फर्म को न्यूनतम दर वाले उत्पाद सप्लाई करने की जिम्मेदारी दी गई। जो आपूर्ति नहीं कर रही हैं, उन्हें नोटिस दिया जाएगा। लापरवाही करने पर दो लाख जमा सिक्योरिटी जब्त कर ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा।


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