नीरज शेखर बने भाजपा के राज्यसभा सदस्य, निर्विरोध निर्वाचित घोषित
समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नीरज शेखर एक माह चार दिन के भीतर फिर से राज्यसभा पहुंच गए।
लखनऊ, जेएनएन। नामांकन वापसी की अवधि खत्म होने के बाद सोमवार को राज्यसभा उपचुनाव में नीरज शेखर को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नीरज शेखर एक माह चार दिन के भीतर फिर से राज्यसभा पहुंच गए। अब वह 25 नवंबर, 2020 तक राज्यसभा सदस्य बने रहेंगे। निर्वाचित घोषित होने के बावजूद नीरज सोमवार को प्रमाण पत्र लेने नहीं पहुंचे। सूत्रों के अनुसार वह मंगलवार को प्रमाण पत्र लेने के लिए विधानभवन पहुंचेंगे।
सपा छोड़ने के साथ ही नीरज शेखर ने 15 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर कराए गए उपचुनाव में 14 अगस्त को नीरज ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था। किसी अन्य प्रत्याशी द्वारा नामांकन न कराए जाने के कारण नीरज अकेले उम्मीदवार मैदान में थे। सोमवार को अपराह्न तीन बजे नाम वापसी की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
नीरज शेखर की राजनीतिक यात्रा
पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में जीतकर नीरज शेखर पहली बार सांसद में पहुंचे। वह 2009 के लोकसभा चुनाव फिर जीते और लोकसभा पहुंचे, लेकिन 2014 के मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।इसके बाद सपा ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। वर्ष 2019 में एक बार फिर वह लोकसभा चुनाव लड़कर पिता की विरासत को सहेजना चाहते थे, लेकिन पार्टी अध्यक्ष ने राज्यसभा सदस्य का हावाला देते हुए टिकट नहीं दिया। तभी से नीरज शेखर नाराज चल रहे थे। बात यह भी आई कि टिकट न मिलने से नाराज नीरज के समर्थकों ने चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया।