न डेंड्रफ होगा और न ही स्किन को नुकसान, एनबीआरआइ ने उतारा हर्बल हेयर कलर
एनबीआरआइ के स्थापना दिवस के मौके पर हर्बल कलर को लांच किया गया। हर्बल कलर का सौ से अधिक लोगों पर परीक्षण किया जा चुका है।
लखनऊ (जेएनएन)। सीएसआइआर-एनबीआरआइ के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया हर्बल हेयर कलर अब बाजार में उपलब्ध होगा। संस्थान ने हर्बल कलर की प्रौद्योगिकी को बीते माह हस्तांतरित किया था। कंपनी ने इसे बाजार में उतारने की तैयारी कर ली है और गुरुवार को एनबीआरआइ के स्थापना दिवस के मौके पर हर्बल कलर को लांच किया गया।
एनबीआरआइ के निदेशक डॉ.एसके बारिक ने स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। डॉ.बारिक ने गत वर्ष की वैज्ञानिक उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा दो नए हर्बल फार्मुलेशन विकसित किए गए हैं जिसमें से एक यूरोलिथियासिस (किडनी स्टोन) और दूसरा मवेशी किलनियों को नियंत्रित करने के लिए कारगर है। इसके अलावा गुलदाउदी की नवीन किस्म 'हिम-ज्योति' भी जारी की गई। वैश्विक स्तर पर संकट ग्रस्त घोषित हो चुकी पुष्प की होबा पैड्ररेटा प्रजाति को पहली बार भारत के मणिपुर में रिपोर्ट किया गया। प्रो.बारिक ने बताया कि संस्थान द्वारा कई प्रशिक्षण, कार्यशालाओं एवं जनसंपर्क कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत 92 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया।
समारोह को भारतीय भेषज संहिता आयोग के सचिव व वैज्ञानिक निदेशक डॉ.ज्ञानेंद्र नाथ सिंह व बेंगलुरु के यूनीवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के प्रो.आर.उमा शंकर ने भी संबोधित किया। इस मौके पर संस्थान के वैज्ञानिक एवं छात्र मौजूद रहे। मुख्य वैज्ञानिक डॉ. आर.एस.कटियार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
हर्बल हेयर कलर की विशेषता
हर्बल हेयर कलर प्राकृतिक रंगों का उत्पादन करने वाले पौधों से तैयार किया गया है। यह हेयर कलर बालों के प्राकृतिक विकास के लिए टॉनिक के रूप में काम करता है। इसमें एंटी डेंड्रफ प्राॅपर्टी होने के साथ एंडीआक्सीडेंट भी है। त्वचा पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। हर्बल कलर का सौ से अधिक लोगों पर परीक्षण किया जा चुका है।