Lucknow KGMU News: टीबी के मरीजों को इंजेक्शन से छुटकारा, अब दवा से हो रहा इलाज
National Pulmonary PG Conference at KGMU रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय वर्मा ने कहा कि टीबी की नई दवाएं आ गई हैं। इससे काफी राहत मिली। मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट (एक्सडीआर) में इंजेक्शन देने का झंझट खत्म हो गया।
लखनऊ, जेएनएन। टीबी के मरीजों को इंजेक्शन की डोज से छुटकारा मिला। अब हर प्रकार के टीबी मरीजों का दवा से इलाज मुमकिन है। ऐसे में रोगियों को दर्द से राहत मिलेगी। केजीएमयू में एमडीआर-एक्सडीआर टीबी की दवा से इलाज शुरू हो गया है। केजीएमयू द्वारा प्रथम राष्ट्रीय पल्मोनरी पीजी कान्फ्रेंस का आयोजन कराया गया। वर्चुअल कान्फ्रेंस में करीब 350 डॉक्टर व पीजी छात्रों ने भाग लिया। इस दौरान रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि टीबी का इलाज अब बहुत आसान हो गया है। टीबी की दवा बीच में छोड़ने वाले मरीजों को एमडीआर व एक्सडीआर टीबी हो जाती है। यह टीबी का बिगड़ा हुआ स्वरूप है। इन मरीजों को प्रतिदिन इंजेक्शन दिया जाता था। रोगी को छह से 12 माह तक इंजेक्शन लगाए जाते थे। ऐसे में उन्हें तमाम शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता। वहीं अब इंजेक्शन के बजाए मरीज को दवा दी जाती है।
नई दवा से मरीजों को राहत
रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय वर्मा ने कहा कि टीबी की नई दवाएं आ गई हैं। इससे काफी राहत मिली। मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर), एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट (एक्सडीआर) में इंजेक्शन देने का झंझट खत्म हो गया। केजीएमयू में नई दवा से इलाज शुरू हो गया है। बाजार में महंगी मिलने वाली ये दवाएं सरकार अस्पताल में फ्री दे रही है। ऐसे में लोग लापरवाही न करें। समय पर जांच कराकर इलाज कराएं। कांफ्रेंस में कोविड-19, फेफड़े में कैंसर, ब्रांकोस्कोपी, फेफड़े के अल्ट्रासाउंड के रोल पर चर्चा हुई। डॉ. अजय वर्मा ने कहा कि कोरोना काल में चुनौतियां बढ़ गई हैं। वहीं कोविड प्रोटोकाॅल का पालन कर संक्रमण के खतरों से काफी हद तक को खुद को बचा जा सकता है।
मास्क अवश्य लगाएं
पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. डी बेहरा ने कहा कि कोरोना से बचाव में लापरवाही न करें। वैक्सीनेशन होने के बाद भी मास्क अवश्य लगाएं। वहीं शारीरिक दूरी का भी पालन करें। कार्यक्रम में कुलपति डॉ. बिपिन पुरी, आयोजन सचिव कानपुर के डॉ. एके सिंह ने भी विचार रखे।