Hathras Case: हाथरस की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग गंभीर, उत्तर प्रदेश सरकार से मांगा जवाब
Hathras Case उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती से दुष्कर्म और मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने यूपी के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती से दुष्कर्म और मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने यूपी के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। एनएचआरसी ने यूपी के डीजीपी से इस केस को व्यक्तिगत रूप से देखने की बात कही है, जिससे दोषियों को कोर्ट के माध्यम से बिना किसी और देरी के दंडित किया जा सके। आयोग ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में यह आवश्यक है कि मृतक के परिवार के साथ-साथ गांव में रहने वाले अनुसूचित जाति समुदाय के अन्य सदस्यों को पुलिस उचित सुरक्षा प्रदान करे।
बता दें कि हाथरस के चंदपा क्षेत्र की दुष्कर्म पीड़िता 16 दिन बाद जिंदगी से जंग हार गई। उसने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे अंतिम सांस ली। पुलिस इस मामले में चारों आरोपितों को जेल भेज चुकी है। देर रात उसका शव हाथरस पहुंचा, जहां पुलिस की निगरानी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। युवती की मौत से लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है। आरोपितों को फांसी देने की मांग को लेकर हाथरस में कई जगह प्रदर्शन हुए। विपक्ष ने भी सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है।
एसआइटी करेगी दुष्कर्म कांड की जांच : हाथरस सामूहिक दुष्कर्म कांड को लेकर एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष का हमला बढ़ता जा रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआइटी (विशेष जांच दल) गठित कर पूरे प्रकरण के हर पहलू की पड़ताल कराने का निर्देश दिया है। सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की गई है, जिसमें डीआइजी चंद्र प्रकाश व एसपी पूनम बतौर सदस्य शामिल हैं। एसआइटी सात दिनों में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
पीएम मोदी ने ली घटना की जानकारी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस की घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और पूरे प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई किए जाने की बात कही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि मामले में किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। सरकार ने अनुसूचति जाति की युवती के साथ हुई घटना की जांच के लिए गठित एसआइटी में इसी जाति के दो अधकारियों को भी शामिल किया है। 2004 बैच के आइपीएस अधिकारी चंद्र प्रकाश- द्वितीय तथा 2018 बैच की आइपीएस अधिकारी पूनम अनुसूचित जाति की हैं।