अयोध्या में राम जन्मभूमि के 250 फीट नीचे की हर तस्वीर आएगी बाहर, वैज्ञानिक एकत्र कर रहे डाटा
भूमि के भीतर अध्ययन के लिए एक विशेष प्रकार के रडार का प्रयोग किया। इस राडार को आधुनिक तरीके से कंप्यूटर से जोड़ा गया है। इसी पर भूमि के भीतर की तस्वीर देखी गई। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रो मैग्नेटिक व आर्टिफिशियल विधियों से भीतर का डाटा एकत्र किया गया है।
अयोध्या, [प्रवीण तिवारी]। श्रीरामजन्मभूमि परिसर के भीतर व बाहर की भूमि के भीतर तकरीबन 250 फीट गहराई तक की परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है। इतनी गहराई तक के मिट्टी की सभी सतह की तस्वीर रिपोर्ट के साथ ही बाहर आएगी। भूमि के भीतर मौजूद खनिज संसाधन, जल स्तर, भूकंप सहने की क्षमता सहित कई अन्य अवयवों पर विश्लेषण तैयार होगा। गत तीन दिनों से इसका अध्ययन भारत सरकार के राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंंधान संस्थान (एनजीआरआई) हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने किया। इसी संस्थान की एक अन्य टीम भी रामनगरी आकर भूमि के भीतर की स्थिति को परखेगी। इन दोनों टीमों के अध्ययन पर एक रिपोर्ट तैयार होगी, जो मंदिर निर्माण समिति को दी जाएगी।
भूमि के भीतर अध्ययन के लिए एक विशेष प्रकार के रडार का प्रयोग किया। इस राडार को आधुनिक तरीके से कंप्यूटर से जोड़ा गया है। इसी पर भूमि के भीतर की तस्वीर देखी गई। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रो मैग्नेटिक व आर्टिफिशियल विधियों से भीतर का डाटा एकत्र किया गया है। राडार से टीम के सदस्यों ने भूमि के भीतर की तस्वीर को कैद किया। यह तस्वीर यह भी बयां करेगी कि नीचे कहां पानी का प्रवाह है। वैज्ञानिकों ने इन सभी की लाइव तस्वीर देखी। एक वैज्ञानिक ने बताया कि परिसर के भीतर व बाहर की भूमि के नीचे की संरचना की समानता व भिन्नता को भी ट्रस्ट जानना चाहता है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय भी कह चुके हैं कि इस समय सतह के नीचे फोटो खींचने का कार्य हैदराबाद की एनजीआरआई की टीम कर रही है।
इन विषयवस्तुओं पर केंद्रित रहा वैज्ञानिकों का दल
एनजीआरआई के वैज्ञानिकों ने बताया कि भूमि की सतह के नीचे की मैपिंग के अध्ययन के लिए डाटा एकत्र किया गया। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही भूकंप जोखिम, भूस्खलन तथा भू प्राकृतिक संसाधन की पहचान जांच का हिस्सा रहा।