जंगल के 'कुशल मंगल' की खातिर 127 साल पुराने रेलवे ट्रैक को टाटा
मैलानी से दुधवा जगंल के बीच से होकर बहराइच के लिए आखिरी बार रवाना हुई ट्रेन। लोगों ने ट्रेन के बंद होने पर किया प्रदर्शन।
लखीमपुर, जेएनएन। जंगल के 'कुशल मंगल' की खातिर 127 साल पुराने मैलानी-नानपारा रेलवे ट्रैक के मध्य मीटरगेज का रेल यातायात शनिवार को बंद कर दिया गया है।
मैलानी से दुधवा जगंल के बीच से होकर बहराइच के लिए रवाना हुई ट्रेन सं. 52252 अप को लोको पायलट मनीष कुमार सहायक लोको पायलट अनुराग राव और गार्ड रमन कुमार पाठक सुबह 8.40 बजे ट्रेन लेकर रवाना हुए। इस मौके पर कैरिज विभाग के कर्मचारियों ने ट्रेन को दुल्हन की तरह सजाया था। ट्रेन को विदाई देने के लिए स्टेशन अधीक्षक राजेश गुप्ता, यातायात निरीक्षक, क्रू नियंत्रक सहित रेलवे के कई अधिकारी मौजूद थे। रेलवे प्रशासन की ओर से मीटरगेज ट्रेन की यादों को सहजने के लिए दिल्ली से आई टीम ने डाक्युमेंट्री फिल्म के लिए मैलानी-भीरा स्टेशन के मध्य शूङ्क्षटग भी की।
अंतिम सफर को बिके 65 टिकट, ट्रेन के दीदार जुटे लोग
मीटर गेज पर अंतिम सफर करने के 65 लोगों ने टिकट लिए और काफी संख्या में लोग ट्रेन का दीदार करने आये। खासतौर पर पलिया, भीरा में पढऩे वाले छात्र-छात्राओ में इस ट्रेन को लेकर काफी दिलचस्पी भी देखने को मिली। उन्हे मलाल था कि अब वे इस रेलमार्ग पर यात्रा नहीं कर पाएंगे। कभी पूर्वांचल को मैलानी क्षेत्र से जोडऩे वाले इस रेलमार्ग को इतनी जल्द बंद कर दिया जाएगा, आभास तक नही था। रेलवे कर्मचारियों के चेहरे पर भी मायूसी देखने को मिली, क्योंकि कई दशकों पुराना नाता इस रेलमार्ग से था। अब आपने वाले समय में न्यायालय ही तय करेगा कि इस मार्ग पर ट्रेनों का संचालन होगा कि नहीं। उच्च न्यायालय लखनऊ में कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ही मैलानी-बहराइच रेलमार्ग का भविष्य तय होगा।
इन जगहों के व्यापार का होगा बंटाधार
मैलानी-नानपारा रेलमार्ग बंद होने के बाद पलिया, बेलरायां, तिकुनिया के व्यापारियों को खासा नुकसान होने वाला है। इसके अलावा मैलानी कस्बे का व्यापार भी खास प्रभावित होगा। इन सभी जगहों के व्यापारी इस ट्रेन के बंद होने का खासा विरोध कर रहे हैं। बाजार बंद से लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन तक कर चुके व्यापारियों को अब तक कोई राहत नहीं मिली है।