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यूपी में सरसों का उत्पादन बढ़ा, लेकिन तेल की कीमतों में कोई गिरावट नहीं, जानें-क्या है वजह

जमाखोरी की वजह से लगातार उबल रहा सरसों का तेल ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। चढ़ते भाव से आमजन परेशान हैं। कृषि विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि उत्पादन करीब दोगुना रहा है। तो तेल के दाम क्यों नहीं कम हो रहे है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 04:19 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 12:10 AM (IST)
यूपी में सरसों का उत्पादन बढ़ा, लेकिन तेल की कीमतों में कोई गिरावट नहीं, जानें-क्या है वजह
तेल के दाम में आए उबाल के पीछे कृषि विभाग बिचौलियों और जमाखोरी को कारण बता रहे हैं।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। जमाखोरी की वजह से लगातार उबल रहा सरसों का तेल ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। निरंतर चढ़ते भाव से आमजन परेशान हैं। कृषि विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि उत्पादन करीब दोगुना रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब उत्पादन बढ़ा है तो आखिर सरसों जा कहां रही है? खौलते तेल की आंच में अब आम आदमी दाल में तड़का लगाने से भी परहेज करता नजर आ रहा है। सर्दियों में वैसे भी सरसों के तेल का उपयोग बढ़ जाता है। तेल के दाम में आए उबाल के पीछे कृषि विभाग बिचौलियों और जमाखोरी को कारण बता रहे हैं। इससे पहले तेल का भाव 175 रुपये लीटर था जो अब बढ़कर 180 से 185 रुपये लीटर हो गया है। हालांकि रिफाइंड आयल ने राहत दी है। फुटकर बाजार में रिफाइंड 145 रुपये लीटर मिल रहा है।

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    फुटकर मंडी 

     खाद्य तेल                           पहले                 वर्तमान 

  • बैल कोल्हू                          170 से 175       180 से 185
  • रिफाइंड ऑयल फॉरच्यून      160 से 165       145 से 148

रिफाइंड आयल टूटाः रिफाइंड आयल ने जरूर राहत दी है। दो माह के तुलनात्मक आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो करीब 15 रुपये लीटर रिफाइंड आयल टूटा है। फाॅरच्यून ब्रांड की कीमत 148 रुपये लीटर है। 

देश में उत्तर प्रदेश तिलहन उत्पादन में दूसरे नंबर पर है। लखनऊ जिले में उत्पादन की बात करें तो नौ हजार हेक्टेयर से अधिक में तिलहन की खेती होती है। इसमें तोरिया व सरसों दोनों शामिल हैं। वर्ष 2019-20 में 2,321 मीट्रिक टन तिलहन का उत्पादन हुआ था तो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 4,697 मीट्रिक टन हो गया है। यानी बीते साल की तुलना की जाए तो उत्पादन में दोगुनी वृद्धि दिख रही है। इसके बावजूद तेल का दाम बढ़ रहा है। सीधा मसला जमाखोरी का लगता है। सरकार ने सरसों 5050 रुपये समर्थन मूल्य रखा है। -डा. सीपी श्रीवास्तव, उप कृषि निदेशक

बोले कारोबारी

सरसों की पैदावार कम रही है। तभी तो 5000 रुपये क्विंटल बिकने वाली सरसों 8,000 से 8,500 रुपये प्रति क्विंंटल पहुंच गई है। भाव चढ़ता देख किसान भी माल रोके हुए हैं जिससे सरसों की बाजार में कृत्रिम कमी दिख रही है। -विपुल अग्रवाल, फतेहगंज थोक कारोबारी 

रिफाइंड सस्ता हुआ है लेकिन सरसों का तेल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मौजूदा बैल कोल्हू ब्रांड के रेट फुटकर बाजार में 180 से 185 रुपये लीटर है। थोक में 1,730 रुपये का दस लीटर एवं रिफाइंड आयल 2,230 रुपये का 16 लीटर मिल रहा है। -संजय सिंघल, फुटकर कारोबारी रकाबगंज सिटी स्टेशन मंडी


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