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PFI पर प्रतिबंध को मुस्लिम विद्वानों ने बताया उचित, कहा- देश के खिलाफ काम करने वाले हर संगठन पर लगे पाबंदी

Ban on PFI मुस्लिम धर्मगुरुओं व विद्वानों ने गृह मंत्रालय की जांच के बाद पीएफआइ पर लगी पाबंदी को उचित बताया। गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई कड़े आतंकरोधी कानून यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) के तहत किया है।

By JagranEdited By: Umesh TiwariPublished: Wed, 28 Sep 2022 10:14 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 10:14 PM (IST)
PFI पर प्रतिबंध को मुस्लिम विद्वानों ने बताया उचित, कहा- देश के खिलाफ काम करने वाले हर संगठन पर लगे पाबंदी
Ban on PFI: मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, कट्टपंथी संगठन ने हजारों नौजवानों को अंधेरे में धकेला।

UP News: लखनऊ, जेएनएन। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और उसके सभी सहयोगी संगठनों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। गृहमंत्रालय ने यह कार्रवाई कड़े आतंकरोधी कानून यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) के तहत किया है। पीएफआइ पर सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदी को मुस्लिम धर्मगुरुओं व विद्वानों ने उचित कदम करार दिया है।

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सरकार के फैसले पर सवाल उठाना अनुचित

आल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव और वरिष्ठ शिया धर्म गुरु मौलाना यासूब ने गृह मंत्रालय की जांच के बाद पीएफआइ पर लगी पाबंदी को उचित बताया। कहा कि देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पीएफआइ के विरुद्ध जांच में सुबूत के बाद ही पाबंदी लगाई गई होगी। ऐसे में सरकार के फैसले पर सवाल उठाना अनुचित है। मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि देश विरोधी काम करने वाले पीएफआइ ही नहीं, ऐसे हर संगठन पर पाबंदी लगानी चाहिए। सरकार की ओर से उठाया गया कदम सराहनीय है। सरकार को जांच कर आरोपितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी जानी चाहिए।

पीएफआइ ने नौजवानों को अंधेरे में धकेला

दरगाह आला हजरत से जुड़े आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि पीएफआइ के कारण मुस्लिमों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। पीएफआइ ने हजारों नौजवानों को अंधेरे में धकेला, कट्टरपंथी संगठनों के कारण इस्लाम की छवि धूमिल हो रही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पर प्रतिबंध लगाकर उचित निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले दरगाह आला हजरत खानदान के बुजुर्ग और मदरसा जामिया नूरिया रजविया के प्रबंधक मौलाना मन्नान रजा खां (मन्नानी मियां) और अंबेडकर नगर की किछौछा शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन सैयद मुहम्मद हाशमी मियां ने कट्टरपंथी संगठनों का विरोध किया था।

कट्टरपंथियों को प्रतिबंधित करना जरूरी

दरगाह आला हजरत के मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने कहा कि हमारे समाज को नफरत ने घेर लिया है। समाज को जोड़ने और नफरत रोकने के लिए कट्टरपंथियों को प्रतिबंधित करना जरूरी है। सच्चा मुस्लिम शैतानी सोच और कट्टरपंथी विचारधारा से दूर रहता है। शत्रुता और हिंसा को बढ़ावा देने वाले, उकसाने वाले संगठनों पर कड़ी कार्रवाई हो।

पीएफआइ के पर लगे आरोप निराधार

इस्लामिक विद्वान मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि पीएफआइ के पर लगे आरोप निराधार हैं। सुबूत कोर्ट में पेश करना चाहिए। देश की नजरें इस मामले पर लगी हुई थीं इसी दौरान पीएफआइ पर देश भर में छापेमारी होती है। देश में अलग-अलग मत हो सकते हैं, लेकिन बातचीत के जरिये हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। हम आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ हमेशा से थे और मरते दम तक विरोध करते रहेंगे। आतंक और कट्टरपंथी मानसिकता किसी तरफ से भी हो वह निंदनीय है।

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