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Kamlesh Tiwari Murder: हत्यारों ने गुरुवार देर रात किया था कमलेश को फोन Lucknow News

लखनऊ में कमलेश तिवारी हत्‍याकांड में सर्विलांस के जरिए पुलिस ने ढूंढ निकाला गुजरात कनेक्शन। वारदात के बाद भाग निकले आरोपित दिल्ली में अंतिम लोकेशन।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 07:29 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 07:29 AM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder:   हत्यारों ने गुरुवार देर रात किया था कमलेश को फोन  Lucknow News
Kamlesh Tiwari Murder: हत्यारों ने गुरुवार देर रात किया था कमलेश को फोन Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। कमलेश तिवारी की हत्या साजिश के तहत की गई थी। हत्यारों ने कमलेश से मिलने के लिए पूरा प्लान बनाया था। इसके तहत उन्होंने गुरुवार रात करीब 11 बजे कमलेश को फोन कर उनसे बातचीत की थी और संगठन के साथ काम करने और उन्हें सम्मानित करने का झांसा दिया था। कमलेश ने अपनी पत्नी को ये बातें बताई थीं। कॉल डिटेल की पड़ताल में भी इसकी पुष्टि हुई है। 

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सूत्रों के मुताबिक, आरोपितों ने प्लान के तहत कमलेश से एक अंतरजातीय शादी कराने में मदद भी मांगी थी। उन्होंने कहा था एक युवती को उठाना है और उसकी शादी ङ्क्षहदू लड़के से करानी है। इस पर कमलेश ने कहा था कि वह सिर्फ शादी में आने वाले व्यवधान का निस्तारण करते हैं। लड़की को अगवा करने का काम उनका नहीं है। आरोपितों से होने वाली बातचीत कमलेश की पत्नी ने भी सुनी थी। हत्या के बाद जब पुलिस ने कमलेश का मोबाइल फोन खंगाला तो उन्हें कुछ बाहरी नंबर नजर आए। सर्विलांस के जरिए पड़ताल की गई तो वह नंबर सूरत का निकला। वहीं, शव के पास सूरत की एक मिठाई की दुकान का पैकेट भी पड़ा मिला।

इसे देखने के बाद पुलिस को संदेह गहरा गया। संदिग्ध मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली गई तो उसके सभी कनेक्शन गुजरात के मिले। सूत्रों के मुताबिक हत्यारे ट्रेन से लखनऊ आए थे। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों खुर्शेदबाग से पैदल ही भाग निकले। थोड़ी दूर आगे दोनों ने साधन पकड़ा और चारबाग पहुंचे, जहां से ट्रेन पकड़कर फरार हो गए। हत्यारों की अंतिम लोकेशन दिल्ली में मिली है। लखनऊ पुलिस की एक टीम गाजियाबाद में संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है।

फुटेज भेज एटीएस से ली मदद

प लिस ने करीब 25 सीसी फुटेज कैमरे खंगाले तो उन्हें भगवा कुर्ते में दो संदिग्ध नजर आए। कमलेश के करीबी सौराष्ट्र ने फुटेज देखकर दोनों की शिनाख्त की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने उच्चाधिकारियों से आतंकी संगठन की भूमिका पर शक जताते हुए एटीएस से मदद मांगी। इसके बाद गुजरात एटीएस से संपर्क कर उन्हें सीसी फुटेज भेजा गया और संबंधित दुकान के कैमरे जांचने की मांग की गई। एटीएस और गुजरात पुलिस ने जब सूरत की दुकान के कैमरे के फुटेज देखे तो संदिग्ध कैद मिले। इसके बाद कॉल एटीएस ने सूरत से तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में साजिश में शामिल तीनों आरोपितों ने दोनों हमलावरों के बारे में जानकारी दी, जिसे यूपी पुलिस को स्थानांतरित की गई। 

सात टीमें गठित, तीन गैर जनपदों में

एसएसपी के मुताबिक फरार दोनों हत्यारोपितों को दबोचने के लिए सात टीमें गठित की गई हैं। एसपी क्राइम दिनेश पुरी को उनकी टीम के साथ सूरत भेजा गया है। वहीं, सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र और सीओ गाजीपुर दीपक कुमार सिंह गैर जिलों में दबिश दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त चार टीमें लखनऊ में अलग-अलग बिंदुओं पर छानबीन कर रही हैं।


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