आयकर रिटर्न भरने में नगर निगम का फर्जीवाड़ा, दो खातों में जमा सात करोड़ सीज
मिली गड़बड़ी: सांसद व विधायक निधि की रकम जमा है दो बैंकों में। मामले में नगर आयुक्त ने दिए जांच के आदेश।
लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। यह पहला मामला है जब आयकर रिटर्न भरने में नगर निगम का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस फर्जीवाड़े के कारण आयकर विभाग ने नगर निगम के दो खाते सीज कर दिए हैं। यह रकम नगर निगम के पंजाब नेशनल बैंक और आंध्रा बैंक में जमा है। बदनामी के डर से नगर निगम ने यह मामला दबा रखा है। प्रयास हो रहा है कि आयकर विभाग को सही जानकारी उपलब्ध करा सीज रकम को रिलीज करा लिया जाए।
रकम सीज होने के पीछे एक मामला यह भी सामने आया है कि नगर निगम ने कर्मचारियों व ठेकेदारों को दिए जाने भुगतान में आयकर की कटौती तो की थी लेकिन उसे जमा नहीं किया था। अब उसे जमा किया गया है लेकिन तब तक बैंक खाते सीज हो चुके थे। ऐसे में अब नगर निगम पर दंड भी लग सकता है। पूर्व में तैनात अधिकारियों ने ही यह कारस्तानी की थी और काटी गई रकम को ठेकेदारों को भुगतान कर दिया था। इसके अलावा नगर निगम में करीब आठ हजार कर्मचारी हैं लेकिन आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले दो हजार कर्मचारियों का पैन कार्ड मैच नहीं हो रहा है। सीज खातों में सांसद निधि, विधायक निधि और नगर निगम की रकम जमा है। अगर समय पर बैंक खाते से सीज का ग्रहण नहीं हटा तो विकास कार्य भी प्रभावित हो सकते हैं।
क्या कहते हैं अफसर
नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि आयकर विभाग ने नगर निगम का बैंक खाता सीज कर दिया है। इसकी जानकारी मिली है, जांच के आदेश दिए गए हैं कि किसकी लापरवाही से नगर निगम के बैंक खाते सीज हुए।
वहीं, नगर निगम के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी महामिलिंद लाल के मुताबिक, सीए को मामला दिया है। जिन कर्मियों का आयकर रिटर्न जमा नहीं कराया गया है, उसे कराया जा रहा है। पैन कार्ड नंबर की मैचिंग कराई जा रही है। इसके बाद ही नगर निगम के बैंक खातों को रिलीज कराया जाएगा।