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पेड़ों को रंगने पर नगर निगम को मिला नोटिस, पेंट करने से नहीं मिलती है ऑक्सीजन Lucknow News

लखनऊ में शुरू हुई पेड़ों को रंगने की कवायद में वन विभाग ने दी नगर निगम को नोटिस। बताया पेड़ के जीवन को खतरा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 02:58 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 02:58 PM (IST)
पेड़ों को रंगने पर नगर निगम को मिला नोटिस, पेंट करने से नहीं मिलती है ऑक्सीजन Lucknow News
पेड़ों को रंगने पर नगर निगम को मिला नोटिस, पेंट करने से नहीं मिलती है ऑक्सीजन Lucknow News

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। पेड़ों को रंगकर उसे सुंदर बनाने की योजना हरियाली पर भारी न पड़ जाए। वन विभाग ने पेंट होने से पेड़ों के जीवन पर खतरा बताया है। गोमतीनगर में लगातार पेड़ों की हो रही रंगाई पर वन विभाग गंभीर हो गया है। वन विभाग ने इसे पेड़ों की सुरक्षा पर खतरा बताते हुए नगर निगम को उत्तर प्रदेश वृक्ष अधिनियम 1976 (यथा संशोधित) के तहत नोटिस जारी किया है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर छह माह तक की जेल और पांच हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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प्रभागीय वनाधिकारी (अवध क्षत्र) डॉ. रवि कुमार सिंह की तरफ से यह नोटिस नगर आयुक्त को भेजी गई है। नोटिस में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 (यथा संशोधित) में पार्क और डिवाइडर पर लगे पेड़ प्रतिबंधित होते हैं। इन्हें बिना सक्षम अनुमति के काटना, छांटना और गडलिंग करना प्रतिबंधित है। नगर निगम गोमतीनगर के हुसडिय़ा चौराहे के निकट पार्क और डिवाइडर पर लगे हरे और स्वस्थ वृक्षों पर कृत्रिम रंगों का उपयोग कर रहा है। यह रंग भविष्य में वृक्षों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। कृत्रिम रंग (पेंट) वृक्षों की छाल और छेदों को ढंक देते है, जिससे वृक्षों के जीवन पर खतरा पैदा हो सकता है। 

नोटिस में डीएफओ की तरफ से चेतावनी भी दी गई कि अगर बिना सक्षम अधिकारी अनुमति के वृक्षों की रंगाई करते पाया गया तो अधिनियम के तरह कार्रवाई की जाएगी। 

अभी हुसडिय़ा चौराहे के आसपास 60 पेड़ों की रंगाई के साथ ही उस पर चित्र बनाए गए हैं।

दोनों तरफ 115-115 मीटर में लगे पेड़ों को रंगा जाना है

  •  जीवन प्लाजा के पास भी दोनों तरफ 25-25 मीटर भाग में पेड़ों की रंगाई होनी है 
  •  ग्वारी चौराहे के पास भी 25-25 मीटर दोनों भाग में पेड़ों पर पेटिंग होनी है
  •  वार्ड विकास निधि से रंगे जा रहे हैं पेड़ 

वैसे तो वार्ड विकास निधि से सड़क, नाली, पार्क, पेयजल और मार्ग प्रकाश पर खर्च करने का ही प्रावधान है, लेकिन पार्षद अरुण तिवारी अपने वार्ड विकास निधि की नौ लाख की रकम से पेड़ों को रंगाई करा रहे हैं, जो आगे चलकर ऑडिट में फंस सकता है। 

पार्षद ने दी सफाई 

पेड़ों की रंगाई कराने वाले पार्षद अरुण तिवारी का कहना है कि जो पेड़ खराब हो गए थे, वह रंगाई के बाद से पुनर्जीवित हो गए हैं। उसमें कल्ले भी आ गए हैं। हर किसी का सहयोग मिल रहा है। यह पेड़ फलदार नहीं है। वह कहते हैं वार्ड को सुंदर बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं और लोग भी आकर पेड़ों पर चित्रकारी कर रहे हैं।   

छह माह की सजा का प्रावधान

डीएफओ अवध डॉ. रवि सिंह ने बताया कि पेड़ों को काटना या उसे किसी तरह से नुकसान पहुंचाना उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 (यथा संशोधित) का उल्लंघन है। इसमें छह माह तक की सजा और पांच हजार  रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। नगर आयुक्त को नोटिस जारी की गई है और फिर से पेड़ों को रंगते पाया गया है तो कार्रवाई होगी। अभी नगर आयुक्त के जवाब का इंतजार है। 


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