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माध्यमिक शिक्षक संघ पुरानी पेंशन लागू कराने पर अड़ा

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चेतनरायन गुट के सदस्यों ने आज गाजीपुर डीआइओएस कार्यालय के समक्ष विकास भवन परिसर में धरना दिया। प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी पर शिक्षक नेता जमकर गरजे। डीआइओएस कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की कलई खोलते हुए इस पर अंकुश न लगने पर आर-पार की लड़ाई लड़ने

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2015 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2015 07:28 PM (IST)
माध्यमिक शिक्षक संघ पुरानी पेंशन लागू कराने पर अड़ा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चेतनरायन गुट के सदस्यों ने आज गाजीपुर डीआइओएस कार्यालय के समक्ष विकास भवन परिसर में धरना दिया। प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी पर शिक्षक नेता जमकर गरजे। डीआइओएस कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की कलई खोलते हुए इस पर अंकुश न लगने पर आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया। साथ ही संगठन के दम आंदोलन के जरिए पुरानी पेंशन लागू कराकर ही दम लेने की बात कही।

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प्रदेश अध्यक्ष विधान परिषद सदस्य चेतनरायन सिंह ने कहा कि गत आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री व तीन शिक्षक संघों के बीच हुई वार्ता में पांच बिंदुओं पर सहमति बनी थी। इनमें दो बिंदुओं बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन के पारिश्रमिक व १९९३ से २००० के बीच नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को विनियमितीकरण का फैसला तो हुआ लेकिन अभी भी तीन बिंदुओं पर कोई निर्णय नहीं हुआ। मान्यता प्राप्त वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेयए सीटी ग्रेड से एलटी ग्रेड में आए शिक्षकों को राजकीय शिक्षकों की भांति राजाज्ञा निर्गत करना और नई की जगह पुरानी पेंशन लागू करने पर सरकार अभी खरा नहीं उतर सकी है। इसे भी लागू कराकर ही दम लिया जाएगा। प्रादेशिक मंत्री रमेश सिंह ने कहा कि अब तो सरकार की विश्वसनीयता पर संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश संगठन मंत्री ज्वाला प्रसाद राय ने कहा कि सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगने लगे हैं। संरक्षक उदय नारायण सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को सामने रखते हुए इस पर अंकुश लगाने की मांग की। हनुमान सिंह यादव ने कहा कि अध्यापकों को डीआइओएस कार्यालय में आकर सही कार्य के लिए भी लिपिकों के पटल पर भटकना पड़ता और काम भी नहीं होता।

सेवा काल के आधार पर हो पदोन्नति

लखनऊ। महाविद्यालयीय शिक्षकों की पदोन्नति सेवा काल के आधार पर किए जाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आल इंडिया फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी टीचर संघ (एआईफुक्टो) के आह्वान पर देश भर में हुए आंदोलन के क्रम में बलिया टीडी कालेज के शिक्षकों ने कलम बंद धरना दिया। शिक्षकों ने पूरे दिन पठन-पाठन का काम बंद कर महाविद्यालय में कार्य बहिष्कार किया। इससे आज महाविद्यालय में प्रवेश कार्य भी पूरी तरह से ठप रहा। उधर एआईफुक्टो के आह्वान पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल धरने का आयोजन किया गया था। इस क्रम में संगठन ने देश भर में महाविद्यालीय शिक्षकों को भी इस आंदोलन में नैतिक तौर पर समर्थन देते हुए इसमें शरीक रहने को कहा था। इसको लेकर टीडी कालेज के शिक्षकों ने कामकाज ठप कर कलम बंद धरना दिया। संघ के अध्यक्ष डा.राम नरेश यादव ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की पदोन्नति में शैक्षिक अंक यानि एसीआई को लागू कर अदूरदर्शिता का काम किया है। शैक्षिक अंक निर्धारण के लिए किए गए प्रावधान में कई व्यवहारिक कठिनाइयां हैं जिससे इसका आकलन संभव ही नहीं है। शैक्षिक अंक को पूरा करने के कई कड़े मानक दिए गए हैं जिसे करना कतई संभव नहीं है। इसमें मिलने वाले अंक के आधार पर ही पदोन्नति देने की बाध्यता पूरी तरह बेमानी है। इसमें शिक्षकों को किताब लिखने, विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने, शोध कार्य करने, अतिथि भाषण आदि कई बाध्यताएं दी गई हैं। ऐसे में जहां दूरदराज क्षेत्रों में संसाधनों व शिक्षकों का अभाव है वहां यह काम कैसे होगा इसे नियम बनाते समय सोचा ही नहीं गया है। महामंत्री डा.अनुराग भटनागर ने कहा कि सरकार अभी तक सप्तम वेतन आयोग के लिए अध्यक्ष की नियुक्ति तक नहीं कर सकी है जिससे इसकी प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। इसके अलावा सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने की बात पर राज्य सरकार मौन साधे हुए है। ऐसे में जब तक सरकारें शिक्षकों की मांगों को नहीं मानती, इस तरह के धरने आगे भी होते रहेंगे।


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