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Unlock-2: बिना सैनिटाइजेशन के खुले अधिकतर विद्यालय, गंदगी का अंबार-टपकती रहीं छतें

Unlock-2 परिषदीय विद्यालयों में पहले ही दिन कूड़े के ढेर से निकलकर विद्यालय पहुंचे शिक्षक। कहीं समय से पहले चले गए शिक्षक तो कइ विद्यालयों में जड़ा मिला ताला।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 05:30 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 05:30 PM (IST)
Unlock-2: बिना सैनिटाइजेशन के खुले अधिकतर विद्यालय, गंदगी का अंबार-टपकती रहीं छतें
Unlock-2: बिना सैनिटाइजेशन के खुले अधिकतर विद्यालय, गंदगी का अंबार-टपकती रहीं छतें

लखनऊ, जेएनएन। एक जुलाई को पहले दिन शिक्षक जब परिषदीय विद्यालयों में पहुंचे तो कहीं, छते टपक रहीं थीं तो कहीं गंदगी का अंबार के साथ ही विद्यालय परिसर में जल भराव दिखा। शिक्षक किसी तरह कक्ष में पहुंचे तो बहुत से विद्यालय ऐसे थे, जहां सैनिटाइजेशन भी नहीं हुआ था। जबकि शासन का आदेश था कि शिक्षक विद्यालयों में बैठकर काम करेंगे। इसलिए जिन विद्यालयों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए थे अथवा इससे इतर सामान्य विद्यालय भी हैं तो उनके खुलने से पहले शिक्षकों के संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर सैनिटाइजेशन कराया जाएगा।

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दोपहर 12:00 बजे नगर क्षेत्र अमीनाबाद में कूड़ा घर के पास स्थित विद्यालय के गेट के बाहर ही कूड़े का अंबार लगा था। यहां कई ट्रक कूड़ा पड़ा था। भीषण दुर्गंध आ रही थी। विद्यालय पहुंचे तो वहां भी जलभराव था और पूरे परिषद में गंदगी फैली मिली। अंदर के कक्षों में ताले जड़े थे। आस पड़ोस के लोगों ने बताया कि शिक्षक नौ बजे के आस पास आए थे। उसके बाद 11:30 बजे चले गए। बरसात के कारण कूड़े से और अधिक दुर्गंध थी। वहीं, प्राथमिक विद्यालय रानीगंज में 11:30 बजे ताला जड़ा था। बरामदे में फास्टफूड़ का ठेला खड़ा था। प्राथमिक विद्यालय फतेहगंज में पूरे परिषद में बरसात और बोरिंग का पानी भरा है।

यहां बोरिंग भी हो रही है। इसके अलावा बरामदे और कक्षों में पानी टपक रहा था। एक कक्ष में इंचार्ज कंचन मई मिश्रा मिड-डे मिल से संबंधित रजिस्टर मेनटेन कर रहीं थीं। उन्होंने बताया कि कक्षा पांच तक विद्यालय है। यहां वह अकेली शिक्षिका हैं। गोसाईगंज के बेली गांव प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पहुंचे। हाजिरी लगाई बैठकर काम किया। इसके बाद चले गए। पर विद्यालय खुलने से पहले करीब हफ्ते भर पहले यहां सैनिटाइजेशन हुआ था। वहीं, बीकेटी के हरधौरपुर, पूरब खेड़ा, रमगढ़ा, शिवपुरी, बरगदी, सोनवा, मिश्रीपुर समेत अन्य विद्यालयों का पहले सैनिटाइजेशन हुआ उसके बाद खुले औऱ शिक्षक ने पहुंचकर काम किया। बिजनौर के सरवननगर समेत अन्य विद्यालयों में पहले साफ सफाई हुई। सैनिटाइजेशन हुआ इसके बाद शिक्षक पहुंचे औऱ उन्होंने 74 दिन के एमडीएम वितरण समेत अन्य काम निपटाएं।

सिर्फ कागजों पर चल रहा सैनिटाइजेशन का काम

विद्यालयों के सैनिटाइजेशन का काम सिर्फ कागजों पर चल रहा है। बीते दिनों बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिशएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह ने शासन को पत्र भेजकर सैनिटाइजेशन कराने की मांग की थी। इसके बाद अपर मुख्य सचिव और शिक्षाधिकारियों ने बीएसए को निर्देश दिए थे। बीएसए ने ग्राम प्रधानों से विद्यालयों का सैनिटाइजेशन कराने को कहा। पर मोहनलालगंज के भद्दी शीर्ष, नन्दौली, धनुवासाड़, अहमदखेड़ा, गनियर, महेश खेड़ा समेत राजधानी के 50 फीसद तक के विद्यालयों का अभी सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है। शिक्षक मास्क लगाकर और सैनिटाइजर लेकर विद्यालय पहुंच रहे हैं।

क्या कहते हैं बीएसए ?

बीएसए दिनेश कुमार के मुताबिक, विद्यालय खुलने से पूर्व सभी का सैनिटाइजेशन कराने के निर्देश खंड शिक्षाधिकारियों को दिए गए थे। पहले दिन शिक्षकों ने पहुंचकर विद्यालयों में काम किया, जो शिक्षक बिना किसी सूचना के अनुस्थित रहे हैं। नोटिस देकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 


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