Move to Jagran APP

प्रदेश में खड़ी की जा रही है बेरजगार नर्सेज की फौज, पद 13 हजार... ट्रेंड नर्सेज एक लाख से अधिक

। पांच लाख खर्च कर नर्सिग की पढाई वेतन पांच हजार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 01:41 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 01:41 PM (IST)
प्रदेश में खड़ी की जा रही है बेरजगार नर्सेज की फौज, पद 13 हजार... ट्रेंड नर्सेज एक लाख से अधिक
प्रदेश में खड़ी की जा रही है बेरजगार नर्सेज की फौज, पद 13 हजार... ट्रेंड नर्सेज एक लाख से अधिक

लखनऊ, (कुमार संजय)। लतिका मिश्रा ने अपने पैर पर खडो होने पर घर का सहारा बनने के लिए जीएनएम का डिप्लोमा किया। पिता ने डिप्लोमा कराने के लिए एक बीघा खेत भी बेचा । पढाई पूरी होने के बाद दो साल तक कही कोई जांब नहीं मिला। एक नर्सिंग होम में तीन हजार में 12 से 15 घंटे का काम मिला। इसी बीच एक संस्थान में  आउटसोर्सिग में नौकरी मिली लेकिन सेलरी 15 हजार ऐसे में खुद का खर्च निकाल पाना ही संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थित केवल एक लतिका की नही है । हजारों है जिन्होंने नर्सिग में डिप्लोमा किया लेकिन पाच से सात हजार में नौकरी करने को मजबूर है।

loksabha election banner

पीजीआई नर्सिग एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला कहती है कि प्रदेश में केवल 13 हजार सरकारी नौकरी है जो फुल है। जब जरूरत नहीं है तो डिप्लोमा क्यों कराया जा रहा है। मेडिकल विवि, लोहिया , पीजीआइ सहित तमाम निजि संस्थान बीएससी नर्सिग और जीएनएम करा कर बेरोजगार ट्रेड नर्सेज की फौज खडी कर रहे हैं। इस प्रोफेशन में सबसे अधिक लड़कियां है । टीएनआई के सदस्य डा. अजय कुमार सिंह का कहा कि मेडिकल प्रोफेशन में डिप्लोमा करने के मामले में 13.7 फीसदी लड़कियां है । उत्तर प्रदेश में एक लाख पांच 263 नर्स पंजीकृत है । सरकारी क्षेत्र के पीएमएस में लगभग 10 हजार और चिकित्सा शिक्षा में तीन हजार नौकरी है । इस तरह कुल तेरह हजार नौकरी है । इससे साफ है कि पंजीकृत हजारों नर्सेज बेरोजगार है लेकिन प्रदेश में ट्रेनिंग लगातार जारी है।

हर साल 18 हजार तैयार हो रही है ट्रेंड नर्सेज

हर साल उत्तर प्रदेश के नर्सिग कालेजों से  18 हजार 743 नर्सेज ट्रेंड होकर निकलती है साल-दर –साल संख्या बढ़ती जा रही है । ट्रेंड नर्सेज डा. अजय सिंह कहते है  कि नर्सेज पांच –सात हजार में काम करने के लिए मजबूर हो रही है। इस पेशे में 90 फीसदी लड़कियां है जिनका शोषण हो रहा है। मजे की बात यह है कि इस तेजी से निजि नर्सिग कालेजों की संख्या बढी है। नर्सिग काउंसिल आफ इंडिया के अनुसार के वर्ष 2018 में सरकारी क्षेत्र के केवल 8 और निजि क्षेत्र  272 नर्सिग कालेज थे

ट्रेंड नर्सेज की कमी बता कर किया जाता रहा है गुमराह

ट्रेंड नर्सेज की भारी कमी है लेकिन हकीकत कुछ और है कमी होती तो आउट सोर्स पर काम करने के लिए नर्सेज कैसे मिलती। मानक के अनुसार प्रदेश में 500 की संख्या पर एक नर्स की तैनाती होनी चाहिए इस तरह चार लाख नर्सज की तैनाती होनी चाहिए लेकिन मानक के अनुसार तैनाती न कर ट्रेंड नर्सेज को शोषण के लिए छोड़ दिया गया।  

प्रदेश से पंजीकृत नर्सेज को मिले प्राथमिकता

प्रदेश के किसी भी संस्थान या उपक्रम में पहले प्रदेश से पंजीकृत नर्सेज  को प्राथमिकता दे कर ही प्रदेश से ट्रेंड नर्सेज को समायोजित किया जा  सकता है। सीमा शुक्ला का कहना है कि नर्सेज का शोषण सरकारी संस्थानों में आउट सोर्सिंग के जरिए तैनाती कर हो रहा है। इनके छुट्टी का पैसा भी काट लिया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.